ऐसा लोग कहते है, लड़की लड़के को समान है, कहते है, लड़की बहुत ही अलग है, लड़का भी बहुत अलग है, शरीरिक बनावट मे भी और और सोचने समझने की स्थिति मे भी बहुत अंतर है।
लड़की, लड़के से बहुत अलग सोचती है, लड़की के लिए प्रेम सबसे बड़ा है, जबकि लड़के को बड़ा गाड़ी, बड़ा घर चाहिए , बहुत ज्यादा पैसा चाहिए इसको तभी लड़का खुश होता है, लड़के शादी भी अपने सेक्स desire को पूर्ण करने के लिए ही करते है, और सेक्स करने के बाद लड़की को बोझ समझते है, कई लोग तभी तो ये पुरुष वर्ग शादी को टेंशन के रूप में देखता है।कई पुरुष ऐसे होते है।
शादी पुरुष प्रधान समाज की इंस्टेंट सेक्स का फैलाव है।
जबकि स्त्री पूर्ण समर्पित होकर आती है।
लड़का का बॉडी बहुत ही तगड़ा होता है, क्योकि हीमोग्लॉबिंन पुरुषो में अधिक पाया जाता है, जबकि लड़कियों में हीमोग्लॉबिंन बहुत ही कम पाया जाता है, इसी कारण से ही लड़की का शरीर उतना मजबूत बाहर से नही दिखता है।
लेकिन अंदर से एक स्त्री दर्द सहन करने में, धैर्य, और लोगों के बात को सुनकर रह जाती है, तभी भारत में इतना तलाक नही होता है , जिस दिन भारत की स्त्री पढ़, लिख लेगी और समाज में पुरुषो के बात को नही सुनेगी और मुह पर जवाब देने लगेगी तो भारत मे भी तलाक रेट बहुत ज्यादा बढ़ जायेगा।
संसार मे स्त्री के महत्व के बारे में।
स्त्री (माँ) प्रेम का निवास स्थान है, संसार मे यदि प्रेम है, आज तक तो इन्ही स्त्रियो के कारण है, और यदि आपने न्यू इनोवेशन से बच्चो को माँ के पेट से बाहर विकसित करके पैदा किये तो, स्त्री( माँ) कभी नही बन पायेगी, और स्त्री माँ बनके अपने पूर्णता को प्राप्त नही करेगी उस दिन संसार से प्रेम धीरे धीरे खत्म हो जायेगा। उस दिन माँ ही संसार से खत्म हो जायेगा।
और जिस दिन बच्चा पेट के बाहर पैदा होगा, उस दिन माँ का प्यार अपने बच्चा के प्रति उतना गहरा नही हो पायेगा, क्योकि एक मां को भी प्रेम करना उसका बच्चा ही सिखाता है, ये बात एक सच्ची माँ ही समझ पायेगी, यदि एक पुरुष मेरी इस बात को पढ़ रहे है, तो आप सायद ही समझ पाएंगे।
पुरुष की मानसिक स्थिति ये है की पुरुष अपने में ही लगे है , मै श्रेष्ठ, नही मै श्रेष्ठ करके लगे है, और हर पुरुष अपने आपको सबसे श्रेष्ठ बताने के चक्कर मे लगे है, यही आज संसार में बड़े बड़े युद्ध का कारण बने हुवे हैं। इसी कारण इस श्रेष्ठ बनने के लालशा के कारण मनुष्य बहुत ही युद्ध करके, एक दूसरे की जान ले रहा है ।
यदि संसार से स्त्री (प्रेम) को खत्म कर दिया जाएगा तो मुझे नही लगता की ये 5 वर्ष भी इस पृथ्वी पर ये पुरुष प्रेम से रह नही पायेगा और संसार पूरी तरह युद्ध भूमि बन जायेगा और संसार बहुत ही जल्दी खत्म हो जायेगा, ये पुरुष- पुरुष को ही मारके मर जायेंगे सब।
ये हो सकता है, यदि संसार से स्त्री (माँ) को यदि हमने मशीन से माँ के पेट के बाहर बच्चा पैदा करेंगे तो प्रेम संसार में प्रेम मर जायेगा फिर जो प्रेम होगा वह सिर्फ दिखावा होगा और कुछ नही । बता को समझने का कोशीश करे, विचार करे आप भी।
संसार मे पुरुषो के महत्व बारे में।
अभी संसार मे ऐसे -ऐसे inovation हो चुके है , पुरुष के बल वाले सभी काम मशीन कर देते है , जिससे पुरुष बेरोजगार ज्यादा हो रहे है, और एक दिन बहुत ही बेरोजगार होंगे ये पुरुष।
क्योकि आज तक कोई ऐसा मशीन नही बनाया गया है, जो बच्चा पैदा कर सके, या जो दर्द को सहन कर सके या कम कर सके। अतः स्त्री तो इसमें भी बहुत आगे है, और इन्ही लोगों के कारण संसार में जीवन में।
इस प्रकार से हम लोग स्त्री और पुरुषो के बारे में गहरा ज्ञान को समझ सकते है, और अपने जिंदगी को बेहतरीन बना सकते है।
निष्कर्ष :-
यदि संसार को बेहतर तरीका से चलाना है, तो हमें संसार में प्रेम को बनाये रखना होगा तभी हम लोग एक अच्छे समाज को बना पाएंगे।
क्योकि पुरुष से स्त्री है, और स्त्री से पुरुष है,
आज विज्ञान ने विकास कर लिया है, की वह बिना पुरुष के भी बच्चा पैदा कर सकता है, एक स्त्री, आज एक ही पुरुष से कई बच्चे पैदा किये जा सकते है, विज्ञान के माध्यम से। इस प्रकार आज पुरुष की समाज से निर्भरता कम होती ही जा रही है। काम करने के लिए मशीन बन रही है ।
4 faq प्रश्न उत्तर।
1. नारी को नर्क का द्वार सन्यासी लोग क्यो कहते है, जानिए इस रहस्य को।
2. स्त्री की शक्ति क्या है, स्त्री का संसार मे महत्व क्या है? Kaise स्त्री लोगों ने संसार को बचाया है?
3. स्त्री के चेतना को कैसे हम उपर उठा सकते है? Kaise स्त्री चेतना को उपर उठाकर हम उपर उठ सकते है?
4. Kaise हम स्वतंत्र सोच विकसित करके संसार में विज्ञान पैदा कर सकते है।
मेरी बातों को इतना ध्यान से पढे मै बहुत ही अनुगृहीत हूँ, मै आपके भीतर बैठे परम पिता परमात्मा को सादर प्रणाम करता हूँ। मेरा प्रणाम स्वीकार करें । धन्यवाद ।
Comment करके अपना प्रेम मुझ तक जरूर भेजे l share करे जिससे सब लोग अपनी जिंदगी बदल सके यार।