शक्ति की आराधना कैसे करें? Hindime.
शक्ति की आराधना नवरात्र मूलतः शक्ति उपासना का पर्व है। इसमें देवी के जिन रूपों की आराधना की जाती है वे सभी के मूर्तिमंत स्वरूप हैं और नारी के परिचायक हैं।
इससे ही आसुरी एवं तामसी शक्तियों पर विजय प्राप्त हो सकी। भगवान श्रीराम भी रावण पर तभी विजयी हुए, जब देवी की आराधना से दिव्य प्राप्त कर ली। शिव भी बिना शव तुल्य हो जाते हैं। एक तुच्छ कण के स्पंदन के लिए भी शक्ति की अपेक्षा होती है। अतः शक्ति का अर्जन देवी आराधना का मुख्य उद्देश्य है।
हमारी सनातन संस्कृति में नारी की अधिष्ठात्री रही है।
अभाव में जब ब्रह्मा भी अपनी सृष्टि को जीवंत नहीं कर पा रहे थे तब आदिदेव शिव अपने एक अंश से नर और दूसरे से नारी बन गए। सृष्टि के कण-कण में संचरित करने वाला यह उनका अर्धनारीश्वर रूप था।
इससे उन्होंने जगत में नर-नारी के सह-अस्तित्व को प्रतिष्ठापित किया और पुरुष को अहसास कराया कि नारी सम्मान ही पुरुष शिवत्व (कल्याण) की प्राप्ति हो सकती है। को
अर्धनारीश्वर की वंदना करते हुए महाकवि कालिदास ने रघुवंश में शिव और शक्ति को शब्द और अर्थ के समान अभिन्न कहा है। अन्योन्याश्रय संबंध से दोनों का अस्तित्व एक-दूसरे पर निर्भर हैं। इसीलिए हर पुरुष में नारीत्व और हर नारी में पुरुषत्व का अंश होता है।
यह समाज में नर-नारी के समभाव का द्योतक है।
हमारे ऋषियों ने कहा भी हैं कि ‘जहां नारियों का सम्मान होता है, वहां सभी क्रियाएं सफल होती हैं।’ नारी सशक्तीकरण का यह महनीय संदेश लिए हुए है। जिस देश में कोई भी धार्मिक या सामाजिक अनुष्ठान कन्यापूजन के बिना पूर्ण नहीं होता, वहां कन्या भ्रूण हत्या से बड़ा कोई अभिशाप नहीं।
जिस दिन नारियों के प्रति अत्याचार एवं भ्रूण हत्याएं बंद हो जाएंगी उसी दिन नवरात्र पर्व की सार्थकता सिद्ध हो जाएगी। अतः नारी का सम्मान ही आराधना है।
यह नवरात्रि गहरे से गहरे में अपनी माँ, अपनी बहन, अपनी पत्नी का गहरा सम्मान है, ये नवरात्रि स्त्री लोगों का गहरा सम्मान है, इसे भी हमे समझना पड़ेगा तभी हम अपने जीवन में ज्यादा विकास और ज्यादा सफल हो सकते है।
Navratri में उपासना हम इस प्रकार से करके
अपने जीवन मे हम अपने जीवन मे ज्यादा जल्दी इन 9 दिनों में ही बहुत से का साधना कर सकते है।
इस प्रकार से हम करके शक्ति को उपासना कर सकते है, हम और अपने जीवन को और बेहतर बना सकते है।
अर्जन देवी उपासना का मुख्य उद्देश्य है।
निष्कर्ष :-
- माता शक्ति की आराधना करने के बहुत से तरीके है, लेकिन माता को भक्ति का आराधना सबसे प्यारा लगता है, क्या लिखूँ माँ के बारे में मुझसे लिखा नही जाता है, जिसने मुझे खुद को लिखा है, उसके बारे में क्या लिखूँ। यानी की उस मां की लिखावट तो मै स्वयम हूं, क्या लिखूँ मैं उसके बारे मे ।
ये नवरात्रि अपने माताओं का गहरा से गहरा सम्मान है, इसे हमे बहुत ही गहराई से समझना पड़ेगा तभी हम लोग एक बेहतर समाज और बेहतर देश का निर्माण हम लोग कर पाएंगे।
3 faq प्रश्न उत्तर ।
1. श्रद्धा – भक्ति करने के मानव मन को क्या लाभ होता है? जानिए भक्ति से होने वाले फायदो को तभी हम भी अपने जीवन मे भक्ति की ओर जा पाएंगे?
2 जगनानाथ मंदिर का रहस्य क्या है? जानिए इस रहस्य को ।
3 . ध्यान करके कैसे हम आत्मा परमात्मा को समझ सकते है?
Ans. चेतना को कैसे उपर उठाये?नाभि पर ध्यान लगा के कैसे अपने चेतना को उपर उठाये? Hindime.
मेरी बातों को इतना ध्यान से पढे मै बहुत ही अनुगृहीत हूँ, मै आपके भीतर बैठे परम पिता परमात्मा को सादर प्रणाम करता हूँ। मेरा प्रणाम स्वीकार करें । धन्यवाद ।
Comment करके अपना प्रेम मुझ तक जरूर भेजे l share करे जिससे सब लोग अपनी जिंदगी बदल सके यार।