सच्चा धर्म क्या है? जानिए मानव सभ्यता के विकास मे धर्म के महत्व को।
सच्चा धर्म के ऊपर जितनी बातें हुई हैं, उतनी शायद ही किसी और चीज या विषयवस्तु पर हुई होगी। कुछ लोग तो कई समस्याओं के लिए धर्म को ही दोषी ठहरा देते हैं। वास्तव में ऐसे लोगों ने धर्म को सही अर्थों, सच्चे रूपों में नहीं लिया। इसे टकराव का एक स्थायी मुद्दा बना दिया है। उलटे जबकि धर्म का संबंध मानव जीवन के आधारभूत नियमों, सिद्धांतों एवं आदर्शों से है। जीवन और जगत के अंतर्संबंधों को समझने की कोशिश मनुष्य ने धर्म को पाया है।
धर्म वही है जिसे जीवन में धारण किया जा सके। गीता में कहा गया है कि धर्म को स्वल्प अंश भी धारण करना महान भय से हमें बचाता है। भगवान महावीर ने धर्म को हमारा स्वभाव माना है। हर चीज, चाहे वह जीवित प्राणी हो या निर्जीव पदार्थ अपने स्वभाव से प्रतिबद्ध है।
वह स्वभाव से कटकर अपनी सत्ता से कट जाती है। हम भूल जाते हैं, हमारा स्वभाव प्रकाश है अंधकार नहीं, प्रेम है अहंकार नहीं, एकता है अनेकता नहीं. अभिन्नता है भिन्नता नहीं, साहस है कायरता नहीं, अध्यात्म है अंध भौतिकता नहीं। अपने स्वभाव से हम जितना दूर जाते हैं, उतना ही दूर स्वयं से चले जाते हैं और अपने अस्तित्व के लिए खतरा बन जाते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि हम अपने स्वभाव के अधिक से अधिक निकट रहें।
वैसे यह सच है कि कालांतर में धर्म को संप्रदायों ने अपनी जंजीरों से जकड़ लिया। इसके चलते धार्मिक चेतना का समाजिक जीवन से कटाव होने पर नैतिक मूल्यों का उसे आधार नहीं मिला। समाज में उन मूल्यों की उपेक्षा भी होने लगी।
अब समय आ गया है कि हम धर्म को सांप्रदायिकता से मुक्त कर सच्चे अर्थों में अंगीकार करें, ताकि हमारी आंतरिक निर्धनता और उससे उत्पन्न अवसाद तो दूर हो ही, हमारा आत्मिक निर्माण भी हो सके। अगर आपने सब कुछ पा लिया, किंतु स्वयं को खो दिया तो उस सब कुछ को पाने का अर्थ क्या है? आप स्वयं तो उसे भोगने के लिए रहे ही नहीं।
क्या धर्म के कारण ही मानव सभ्यता के विकास में योगदान दिया है।
पहले लोग बहुत ही आदिमानव जैसे रहते थे, किसी को मार देना, किसी को भी खा देना यही मनुष्य को ज्यादा काम होता था, पहले मनुष्य जानवर ही था, जब मनुष्य के बीच मे कोई महामानव जन्म लिया बुद्धा महावीर जैसे लोगों ने मानव सभ्यता को सुधारने के लिए बहुत सारे प्रवचन दिया, जिससे मानव सभ्यता थोड़ा सभ्य हुई, aur havan से इंसान बना।
इन्ही बुद्ध पुरुषो के वचन को सुन सुन कर लोगों ने धार्मिक पुस्तक बनाई है, जिसे हम लोग आज धार्मिक पुस्तक कहते है, और इसी धार्मिक पुस्तक को पढ़कर जब मनुष्य अपने जिंदगी मे फॉलो करता है, उसे मनुष्य का नाम देता है।
इसी बुद्ध पुरुषो द्वारा दिये गए धार्मिक प्रवचन के कारण उस समय के आदिमानव, दया, करुणा, धैर्य का विकास करके उस समय के लोग जानवर से eansan बने, इसी कारण को मानव सभ्यता मे बहुत ही साथ दिया है। जिसके कारण आज मानव सभ्यता आज ऐसी है। नही तो ये मानव समाज कब का खत्म हो गया होता।
धर्म के क्या क्या फायदा है।
कोई भी किसी भी को गलत बोलने का अनुमति नही देता है, सब लोग अपने अपने को बेहतर दिखाने के चक्कर मे दूसरे के धर्म को लोग गलत बता देते है, जिनके कारण आज हमारे समाज में को लेकर बहुत आशांति है।
बहुत ही प्यारा चीज है, जो सदैब मनुष्य को सभी से प्रेम, करुणा, दया, करना सिखाता है, मनुष्य के दुखो को दूर करने का साधन बताता है,क्योकि मनुष्य का दुख कारण मनुष्य का इच्छा है, यदि मनुष्य अपने इच्छा पर कंट्रोल पा ले, तो अवस्य ही अपने दुख से मुक्त हो सकता है।
मनुष्य सबसे उपर मोक्ष में ले जाने की बात करता है, जिसे हमे समझना होगा तभी हम भी अपने जीवन में धर्म को सही समझ के अपना मोक्ष का रास्ता खोज सके और संसार को बेहतर बना सकेंगे।
मानव सभ्यता अभी तक चला रहा है,ये बात बहुत गहरी है, ये आपको समझना पड़ेगा तभी हम अपने जीवन को और बेहतर कर पाएंगे। मानव सभ्यता का नींव है। इसको हमे समझना बहुत ही जरूरी है।
निष्कर्ष :-
धर्म के महत्व को हमे समझना पड़ेगा, तभी हम अपने जीवन में बहुत ज्यादा मोक्ष की ओर जा सकते है, और संसार को हम भी एक नया रास्ता दे सकते है, मोक्ष के लिए, जिससे संसार मे सब लोग मोक्ष की ओर जाकर अपनी आत्मा को परमात्मा मे मिला सकेंगे।
धर्म हमेशा चाहता है, की आप हमेशा सभी धर्म का सम्मान करें, सबसे प्रेम, सबसे करुणा की भाव रखने की बात करता है। आप भी सभी धर्म को सादर सम्मान करें , तभी आप अपने जीवन मे किसी भी धर्म का आप गलत नही बोल पाएंगे। इस प्रकार से आप प्रयोग करके अपने जीवन को आप बेहतर बना सकते है।
4 faq प्रश्न उत्तर।
1. हम कैसे धार्मिक व्यक्ति बन सकते है, जिससे हम बेहतर व्यक्तित्व का विकास कर सके?
Ans. धर्म का सही अर्थ क्या है?मनुष्य का धर्म क्या है?जानिए धार्मिक व्यक्ति होने के 7 लाभ को । Hindime
2. कैसे हम अपने जीवन में एकाग्रता को बढ़ा सकते है?
3. कैसे हम अपने जीवन मे बहुत ज्यादा सफल हो सकते है?
4. कैसे हम बहुत ही ज्यादा अपने जीवन में ध्यान द्वारा मोक्ष की और जा सकते है?
मेरी बातों को इतना ध्यान से पढे मै बहुत ही अनुगृहीत हूँ, मै आपके भीतर बैठे परम पिता परमात्मा को सादर प्रणाम करता हूँ । मेरा प्रणाम स्वीकार करें lधन्यवाद ।
Comment करके अपना प्रेम मुझ तक जरूर भेजे l share करे जिससे सब लोग अपनी जिंदगी बदल सके यार।