बुधवार, फ़रवरी 19, 2025
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पितृ दोष की क्या है?पितृ दोष कितने वर्ष तक रहता है?जानिए पितर दोष से बचने के मार्ग को।hindime.

पितृ दोष की पहचान क्या है?पितृ दोष कितने वर्ष तक रहता है?

पितृ दोष का कारण साफ है, की आपने अपने जिन लोगों के कारण आप है, उन लोगों का पूजा करना छोड़ दिये है, क्योकि वही आपके माता पिता है, और आप उन्ही को भूल जाते है, इसी कारण यह दोष लगता है।

पितृ दोष

आपके मां पापा ने आपको कितना प्यार से पाला और जब तुम्हारी माँ पाप का सेवा करने का समय आया तो तुम भूल गए, जिसे भगवान देखता रहता है, जिसके कारण मनुष्य भोगता है।

वैसे ही पितृ भी हमारे माता पिता ही, है जिनके कारण हम आज संसार में है, क्योकि उनके हि वंशज है, हम और जब हम उनके कारण है, तो हम उनको लेकिन हम लोग उनको भूल जाते है , इसी कारण हमारे पितृ याद दिलाने के लिए की मै भी करके पितृ दोष लगाता है।

 

  पितृ पर समर्पित बहुत ही महत्वपूर्ण बाते। 

मानव धर्म में पूर्वजों का स्थान देव तुल्य माना गया है। माता-पिता और उनके जनक की श्रृंखला मानवता के विकास की पोषक रही थी।

इसलिए जिनका योगदान मनुष्य के उत्थान में नींव की तरह रहा, उनके लिए वर्तमान में स्थान होना चाहिए। उनके नाम पर मूर्ति लगाना, संस्था बनाना या कोई. आयोजन करना – विरासत को संरक्षित रखने जैसा है, किंतु चरित्र में उन्हें बसाना ही उत्तम समर्पण है। उनके आत्मा को स्पर्श करने के लिए धर्मानुकूल व्यवहार वर्तमान पीढ़ी का परम कर्तव्य है।

लोगों को हमेशा यह काम अवस्य करना चाहिए जिससे हम अपने पूर्वजो का सम्मान कर सके इसके लिए हमे मूर्ति बना के सिर झुकाना चाहिए। उनके बताये गए रास्ते पर चलकर अपने संसार का विकास करना चाहिए।

 

हमारे  चरित्र से लेकर सर्वांगीण विकास की गाथा के रचयिता तो वे पूर्वज ही हैं। तो पितृ दोष उनके परलोक गमन के पश्चात हमारा कोई दायित्व शेष अवश्य बचता होगा, ऐसा विचार सबके मन में आना चाहिए। यदि वर्तमान नहीं करेगा, भूत के लिए तो भविष्य भी नहीं करेगा, वर्तमान के लिए।

पूर्वजों की पूजा- अर्चना का विधान देवी-देवताओं से पृथक नहीं है। यह आत्माओं के अस्तित्व का परम कारण भी है। पूर्वजों का उद्धार प्रत्येक मानव का दायित्व है, जिसे हर हाल में पूर्ण करना चाहिए।

अन्यथा पैतृक कर्तव्य की गति बाधित हो जाएगी। जो मानव प्रमादवश अपने पैत्रिक ऋण को भूल जाता है, उसका पतन सुनिश्चित मानिए । पितृभावना से विमुख होकर प्राणी शिखर पर पहुंच कर भी केवल शून्य को प्राप्त करेगा।

 

सृष्टि के क्रमिक विकास और मानवीय संस्कारों का संरक्षण पीढ़ी दर पीढ़ी चलना ही संसार का नियम है। पितृ दोष भूत, वर्तमान और भविष्य-तीन अवस्थाएं हर एक प्राणी के जीवन काल में उपस्थित होती हैं।

इन तीनों अवस्थाओं का सही निर्वहन तभी संभव है, जब धर्म और कर्म की ज्योति निरंतर पितृ दोष प्रकाशवान हो । प्रत्येक प्राणी अपने पूर्वजों के विकसित रूप में मानवीय मूल्यों का संरक्षण करने के लिए समर्थ है।

इस दायित्व को स्वीकार करना सभी का ध्येय है, यह मार्ग मानवता का सहज क्रम है। पितृपक्ष का प्रविधान इसीलिए प्रायोजित है।

  हमारे तरफ पितृ की पूजा कैसे किया जाता है? आप भी जाने। 

हमारे तरफ तो जब गणेश जी का विसर्जन होता है, फिर 10,11 दिन तक पितरो को पूजा जाता है, और गाव के सभी लोगों को खाना खिलाया जाता है, जिससे पितृ खुश होते है, और आपको बहुत ज्यादा असिरवाद देते है ।

और जो लोग पितृ का यह त्योहार नही मानते, अपने पितरो का पूजा नही करते वे लोगों को पितृ दोष लगता है, जिससे आपको बहुत दुख होता है।

क्योकि यदि आप अपने माता पिता को ही, भूल जाओगे तो खुश कैसे रहोगे यार। जिनके कारण तुम्हारा अस्तित्व है, पितृ दोष उन्ही को आप भूल जाओगे तो कभी भी खुश नही रहे पाओगे यार।

अपने पितरो को अवस्य मानो, ये आपके माता पिता का सम्मान है, जिससे आप और विकास कर पाते है, क्योकि पितृ खुश होकर सबको आशीर्वाद देते है, और आगे बड़ने का रास्ता आपको हमेशा दिखात है  ।

जिसके कारण तुम सबसे आगे होते हो। पितर देव आपको हमेशा रास्ता दिखाते है, ताकि तुम अपने जीवन में आगे बढ़ो करके।

इस पितर त्योहार के दौरान खीर, पूड़ि, बड़ा, बनाया जाता है, जिसे हम लोग भारी  खाते है। और सब गाव वालो को बुला बुला कर खिलाते है।

जिससे हमारे पितृ बहुत ही प्रसन्न होते है, और जीवन में आपको आगे बढ़ाने का रास्ता बताते है, और यदि आप अपने पितर को भूल जाते है, तो पितर आपको पितृ दोष लगाकर याद दिलाते है,मुझे भूल गया रे बाबू करके याद दिलाता है दुख देकर।

4 faq प्रसन्न उत्तर। 

1. क्या पुनर्जन्म सच है, यह हमारे सफलता में कैसे योगदान देता है?

Ans. मनुष्य का पुनर्जन्म कैसे होता है?क्या हिंदू धर्म में पुनर्जन्म होता है?? मोक्ष कैसे मिलता है?मोक्ष पाने के लिए अपनाये ये 6 महत्वपूर्ण टिप्स। Hindime

2. हमारे दुख का कारण क्या है, हम अपने दुख को कैसे कम कर सकते है।

Ans.. दुख का सबसे बड़ा कारण क्या है?संसार में दुख का मूल कारण क्या है ? क्या मनुष्य अपने दुख का कारण स्वयम है। Hindime

3. हम अपने धैर्य को कैसे बढ़ा सकते है? जिससे जिंदगी में हम  सफल हो सके।

Ans.धैर्य कैसे रखा जाता है?धैर्यवान बनने से क्या लाभ है? जाने अपने जीवन में धैर्य बढ़ाने के 4 बहुत ही प्रभावशाली तरीको को।

4. हम अपने समझ  को कैसे बढ़ा सकते है? जिससे जिंदगी में हम  सफल हो सके।

Ans. समझने की शक्ति को कैसे बढ़ाएं?सोचने और समझने की शक्ति को कैसे बढ़ाए?

 

मेरी बातों को इतना ध्यान से पढे मै बहुत ही अनुगृहीत हूँ, मै आपके भीतर बैठे परम पिता परमात्मा  को सादर प्रणाम करता हूँ । धन्यवाद ।

 

Comment करके अपना प्रेम मुझ तक भेजे l share करे जिससे सब लोग अपनी जिंदगी बदल सके यार।

 

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I'm Ritesh kumar. I'm philosopher, I'm international business man,
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