ये साधु सन्यासी नारी को नर्क का द्वार कहते है, क्या ये सही है।
सन्यासी बाबा (जो सन्यासी है ही नही)लोग ज्यादतर अपने जीवन मे सेक्स से उपर नही उठ पाते है, और वह समझते है, की यदि शरीर में वीर्य रहेगा तो वह अपना अध्यात्मिक उन्नति ज्यादा कर सकते है, ऐसा समझते है, और इसी कारण ये साधु लोग अपने वीर्य को बचाते रहते है, हमेशा।
जब ये सन्यासी जंगल में चले जाते है, फिर भी ये सेक्स से उपर नही उठ पाते है, और सपना में स्वपन दोष से किसी लड़की का सपना देखकर अपने वीर्य को अनजाने मे स्खलित कर डालते है। जिसमे उनको सपना में कोई स्त्री ही दिखती होगी तभी तो ये साधु लोग स्त्री को नर्क का द्वार बोल देते है , क्योकि वे समझते है , यदि हम अपना वीर्य बचा लेंगे तो अध्यात्म के शिखर में पहुँच जायेंगे ऐसा समझते है।
और इस प्रकार से इन साधु सन्यासी द्वारा जब जंगल में जाने के बाद भी सेक्स पर कंट्रोल नही पा सकते है, तब यह दबी हुई वासना ही, सन्यासी लोगों का क्रोध बन जाता हक, आप tv मे ऋषि मुनियों का क्रोध देखे होंगे, किस प्रकार क्रोध से भरे होते है।
क्योकि ये साधु सन्यासी मानते है, की यदि हम सेक्स को कंट्रोल कर लिए तो, या पूर्ण ब्रंहचार्य का पालन करके हम अध्यात्म जगत के शिखर मे पहुँच जायेंगे ऐसा सोचते है। यह बात सत् प्रतीशत सच है।
लेकिन आप सोचते है, की आप अपने वशना को दबाकर उपर उठ जायेंगे करके सोचते है, तो आप सायद ही उपर उठ पाएंगे, यदि आपने अपने वाशना से उपर उठ गए तो आप अवस्य ही अध्यात्म जगत के शिखर तक पहुँच सकते है।
यदि आप वाशना से उपर उठना चाहते है, तो आप सेक्स से भागे नही, बल्कि आपके सामने आ जाए तो आप देखे अपने आप को उस सेक्स के प्रति havytual बनाये, तभी आपको एक दिन एक लड़की में सिर्फ माँ दिखेगा हवस नही दिखेगा, तभी आप अपने जीवन मे आप सेक्स से उपर उठ सकते है। हम अपने मन को कंट्रोल करके भी सेक्स पर कंट्रोल पा सकते है।
और इस प्रकार से आप अपने जीवन में सेक्स से उपर उठकर अपने जीवन को आप बदल सकते है, और अपने जीवन में आत्मज्ञान या अध्यात्म के उच्च शिखर मे आप पहुँच सकते है।
इस प्रकार से हम अपने जीवन को अवस्य ही बदल सकते है।।
साधु संन्यासी नारी को नर्क का द्वार क्यो कहते है।
नारी नर्क का द्वार नही है, बल्कि ये साधु सन्यासी लोगों की परेसान कर रही वासना का आवाज है, नारी नर्क का द्वार है, की यदि हम नारी के साथ रहेंगे या देखेंगे तो हम अपना सेक्स को कंट्रोल नही कर पाएंगे करके, जिससे हम अपने जीवन में अध्यात्म के शिखर तक नही पहुँच पाएंगे करके, ये साधु सन्यासी नारी (माँ) को नर्क द्वार कहते है, ये अपने ही माँ को गाली देते है, जिन्होंने उन साधु सन्यासी को जन्म दिया।
अध्यात्म जगत में उन्नति इनको करनी है, और नही कर पा रहे तो नारी को नर्क का द्वार बोल रहे है, ऐसे है आपके साधु सन्यासी। कई सन्यासी इस सेक्स से उपर भी उठ जाते है, यही लोग महान है।
यही सेक्स को कंट्रोल करना है, तो अपने मन को कंट्रोल करो तब आप सेक्स पर कंट्रोल बेहतर से कर पाएंगे।
मुझे तो कभी कभी लगता है की इन मंदिर- मस्जिद भी यही साधु सन्यासी लोग रहते है, इसी कारण भी हो सकता है, की उनका कोई साजिश हो जिससे नारी को वे लोग देख ना पाए इसलिए भी नारी लोगों को मंदिर वगेरा में घुसने नही दिया जाता कई जगह।
ऐसा भी होने का स्मभावना है, यह मेरा मत है, मै गलत भी हो सकता हू, लेकिन जिस प्रकार विचार कर रहा हूँ, उसी प्रकार आप भी विचार करे मेरी बातो पर । तभी हम अपनी माता बहनो की स्थिति को सुधार सकते है। और बेहतर समाज का निर्माण हम कर सकते है।
निष्कर्ष :-
इस प्रकार से हम बहुत ही गहराई से समझ सकते है, किस प्रकार ये हमारे साधु सन्यासी अपने ही दबी वाशना के कारण अपने ही माता बहन को नर्क का द्वार कह देते है, क्या आपको लगता है,नारी नर्क द्वार है।
सच तो यह है, की वही नारी आपके संसार मे आने का द्वार है, बेटा। मेरी बात को माने मत विचार करे, क्योकि भारत में विचार पैदा करना है, तभी एक बेहतर समाज हम लोग बना पाएंगे।
यत्र नारी पूज्यंते, तत्र देवता रमंते।
जहा नारियों की पूजा होती है, वहाँ देवता लोग निवास करते है।
4 faq प्रश्न उत्तर।
1. नारी शक्ति क्या है? जानिए नारों शक्ति को अपने जीवन मे नारी को देखने का नजरिया बदलिये?
2. हम अपने जीवन में अध्यात्म का विकास कैसे करके अपना जीवन बदल सकते है?
3. Kaise हम अपने मन को कंट्रोल करके अपने जीवन को बदल सकते है?
Ans. मन को कंट्रोल कैसे करें? अपने मन को कंट्रोल करने के 4 फायदो को। Hindime
4. ध्यान कैसे करे अपने जीवन मे समझ और एकाग्रता का विकास करने के लिए?
मेरी बातों को इतना ध्यान से पढे मै बहुत ही अनुगृहीत हूँ, मै आपके भीतर बैठे परम पिता परमात्मा को सादर प्रणाम करता हूँ। मेरा प्रणाम स्वीकार करें । धन्यवाद ।
Comment करके अपना प्रेम मुझ तक जरूर भेजे l share करे जिससे सब लोग अपनी जिंदगी बदल सके यार।