नागा साधु राख का चंदन क्यो लगाते है? नागा साधु अपने शरीर पर राख क्यों लगाते है?
नागा साधु लोग नंगे होने के बाद भी राख लगाते है, ये नागा साधु भोलेनाथ के बहुत बड़े भक्त होते है, तथा ये संसार से अलग होकर नंगा होकर अपना जीवन व्यतीत करते है, क्योकि ये नागा साधु नंगा होकर शिव शंकर भगवान की पूजा करते है। पूरी भक्ति भाव से और कोई उनके पूजा (मोक्ष प्राप्ति राह मे) बाधक ना बने इसीलिए सब छोड़कर नागा साधु बनकर शिव भगवान की पूजा करते है ।
नागा साधु राख क्यों लगाते है? नंगे होने के बाद भी।
हमारे भारत मे जितने भी तंत्र, मंत्र, ध्यान, योग का मूल उद्देश्य यह है, की हमारे शरीर के अंदर शक्ति के केंद्र को जागृत करना है, जिससे मनुष्य अध्यात्मिक उन्नति कर सकता है या अपने जीवन में बहुत ही आगे जा सकता है। हमारे शरीर में शक्ति का केंद्र मुलाधर (लिंग /योनि के पास) है।
वही मनुष्य का शक्ति का केंद्र है, वही से जब शक्ति उठ कर सिर तक पहुँचती है, तब तीसरा आंख खुलता है, क्योकि वही मुलाधर में मनुष्य की सभी शक्ति सोई हुई रहती है, जैसे ही, मनुष्य (नागा) उस शक्ति केंद्र पर तंत्र /योग/ध्यान/मंत्र द्वारा बहुत कोशिश करने पर धीरे धीरे जागृत हो जाता है , आपका मूलाधार चक्र जिससे आप अपने अध्यात्मिक यात्रा को आगे का रास्ता दिखना चालू हो जाता है।
और जब इस जागृत हो रहे मुलधार चक्र के जगह को किसी नागा साधु नंगे होने के कारण कोई अन्य व्यक्ति देख देता है, तो उससे नागा साधु विकचिपत् हो जाते है, और अपना संतुलन खो देते है, इसी कारण इस संतुलन से बचने के लिए नागा साधु राख लगाते है।
और ध्यानी और योगी अपने मुलाधर चक्र के जगह कुछ ना कुछ बांधे रहते है, आप कभी भी ध्यान देना।
उदाहरण:-
यदि आप physics(भौतिकी) में quantam physics को पढ़े होंगे तो आप इस बात को बहुत ही आसानी से समझ सकते है, कि जब वैज्ञानिकों ने प्रयोग किया की :- जब किसी चीज को हम नही देखते है रहते है, तो वह तरंग(wave) के रूप में होतो है, लेकिन जब भी हम उस चीज को देखते है, तो अपना रूप बदल देती है। और सॉलिड(ठोस) हो जाती है।
जैसे की कोई पेड़ है, हम जब उस पेड़ को देख रहे है, तब तो वह पेड़ दिख रहा है, लेकिन जब आप नही देख रहे होते है, तब वह तरंग के रूप में होती है, और मै इस चीज को पूर्णतः मानता हूँ। यदि आप quantam physics को नही जानते है तो आपको समझने में थोड़ा दिक्कत हो सकता है।
अब आप तय कर सकते है, देखने(observation) से पदार्थ कि स्थिति पर प्रभाव पड़ जाता है, तो आपके मूलाधार पर भी देखने से अवस्य ही प्रभाव पड़ेगा यदि आप जागृत कर रहे होंगे तब।
इसीलिए हमारे नागा साधु लोग अपने शरीर में राख का लेप लगाते है, मैं उम्मीद करता हूँ, की आप मेरी बातों को समझ पाये होंगे। इसी कारण नागा साधु लोग अपने शरीर में लेप लगाते है, जिसका परम रहस्य यही है , और पूर्णतः sacientific है। आप भी इसे गहराई से समझे हर चीज अंधविश्वास नही होता है, उसके पीछे बहुत बढ़ा कारण भी हो सकता है।
नागा साधु शिव जी के परम भक्त है, आप सदैव उनका सम्मान करें। क्योकि शिव जी जैसा ज्ञानी अब तक कोई हुआ नही है। ओम नमः शिवाय।
4 faq प्रश्न उत्तर।
1. हम अपनी अध्यात्म यात्रा को कैसे शुरू कर सकते है? कैसे हम मोक्ष प्राप्त कर सकते है?
2. हम अपने जीवन में श्रद्धा कैसे बढ़ा सकते है? श्रद्धा बढ़ा के क्या मिलता है?
3. ध्यान से कैसे हम मोक्ष की प्राप्ति कर सकते है? ध्यान कैसे करना चाहिए?
4. हम अपने जागरुकता को बढ़ा के कैसे अपना विकास कर सकते है?
मेरी बातों को इतना ध्यान से पढे मै बहुत ही अनुगृहीत हूँ, मै आपके भीतर बैठे परम पिता परमात्मा को सादर प्रणाम करता हूँ । मेरा प्रणाम स्वीकार करें lधन्यवाद ।
Comment करके अपना प्रेम मुझ तक जरूर भेजे l share करे जिससे सब लोग अपनी जिंदगी बदल सके यार।