मनुष्य सोच क्यो नही पा रहा है? जानिए कैसे हम विचार करना सिख सकते है, और जीवन को बदल सकते है। Hindime.
मनुष्य आज सोच क्यो नही पा रहा है, इसका कारण है, की मनुष्य ने मान लिया है, जानने का कोशिश ही, नही करता है, इसी कारण से ही समाज का ज्यादातर व्यक्ति का अपना कोई थिंकिंग अपना कोई विचार नही है, इसी कारण समाज का व्यक्ति अपना विकास अपने दम पर इसीलिए नही कर पाता है।
हमारे देश में गुरु शिष्य की परम्परा है, इसी कारण से हमारे समाज में हम लोग अपने गुरु के गुलाम होते है, क्योकि हमारा कल्चर ऐसा है, की हमारे बड़े आँख बंद करके अपने गुरु की बात को मानने की बात करते है।
इसी कारण से भारत ने आज तक माना है, कभी भी विचार करने की कोशीश नही किया इसी के कारण आज भी हमारा समाज का अपना सोच, अपना पिलोसॉफी नही होता है। या बहुत कम लोग अपना विचार किसो भी चीज पर दे पाते है ।
हमारे लोग ज्यादतर मानने वाले ही है, कोई भी किसो की बात को मान लेता है, कभी लोग अपना तर्क , अपना विचार करने की कोशिश नही करते है, इसी कारण से लोग अपना सोच, अपना विचार अब तक नही बना पाए है। यही कारण है, कि लोग अब तक सोच नही पा रहे है।
महिला लोगों का गुलाम होना।
महिला लोगों में ज्ञान की कमी के कारण से ये लोग हमेशा किसी ना किसी के बात को मानते आये है, और अब तक मान ही रहे है, यदि महिला विचार करना चालू कर दे तो, अलग ही संसार हम लोग बना सकते है । और अपने समाज को और अगले लेवल पर हम लोग ले जा सकते है।
महिला लोगों ने आज तक वोट भी देते है , तो अपने पति या पापा के अनुसार देते है, उनका कोई विचार कोई मत अपना नही होता है , इसी कारण से समाज में चुनाव में चुन कर आने वाले प्रतिनिधि भी बेहतर नही होते है।
यदि हमे बेहतर समाज का निर्माण करना है, तो हमे बहुत ही ज्यादा काम करना पड़ेगा, उस छेत्र मे तभी हम लोग अपने समाज में विचार पैदा कर पाएंगे और अपने समाज को एक अलग लेवल पर ले जा सकेंगे।
आज महिलाएं पढ़ी लिखी तो बहुत होती है, लेकिन उनका कोई विचार नही होता है, ना ही उनका कोई अपना किसी चीज पर मत दे पाती है, ये महिलाएं अपने पति, पापा, या किसी धार्मिक गुरु के बात के गुलाम होती है, इसी कारण आज तक महिलाएं अपना कोई विचार पैदा नही कर पाये है।
यदि महिलाएं अपना विचार, अपना सोच विकसित करना चाहते है , तो उन्हे भी सोचना होगा की ऐसा ही कैसे हो सकता है, क्या ऐसा भी हो सकता है, क्या ऐसा आपको सोचना होगा तभी आप एक तर्क पूर्ण महिला बन सकती हो, और बेहतर व्यक्तित्व का विकास करके तर्कशील समाज का निर्माण हम लोग कर सकते है।
धार्मिक गुरु के कारण लोग सोच नही पा रहे है।
हमारे समाज में यदि धार्मिक गुरु लोग सही ज्ञान दे, या यदि धार्मिक गुरु अत्मज्ञानि हो बुद्ध महावीर की तरह तो हमारा समाज ज्यादा बेहतर हो सकता है।
लेकिन आज के हमारे धार्मिक गुरु अत्मज्ञानि नही होते है, बल्कि ये लोग अपनी किसी भी बात को मनवाने के लिए भगवान का सहारा लेते है, की ये बात भगवान ने बोली है, करके इस प्रकार से ये धार्मिक गुरु अपनी बात को मानवते है।
और इस प्रकार हमारा समाज आँख बंद करके मान लेता है, की भगवान ने कहा है, मतलब सच ही होगा, और ज्यादा धर्म गुरु पुरुष ही होते है, और धार्मिक ग्रंथो की रचना भी पुरुषो के द्वारा की गयी है।
और ये पुरुष हमेशा चाहते है, की महिलाओं को नीचा दिखाया जाय, इसीलिए नये नये नियम महिलाओं के लिए बनाते है, सती प्रथा, जला दो महिलाओं को, पुरुष के लिए ये प्रथा नही बनाया गया क्यो।
किसी को मंदिर में घुसने नही दिया जा रहा क्यो जबकि सबके पूर्वज शिवा शक्ति ही तो है, ना फिर आप इन धार्मिक गुरु लोगों के बात पर आप विचार क्यो नहीं करते हो, आप मान क्यों लेते हो।
मानो मत जानने की कोशिश करो यार, तभी अपने जीवन मे आप विज्ञान पैदा कर पावगे यार, तभी सबका जीवन बदलेगा और एक तर्क पूर्ण समाज का निर्माण हम लोग कर पाएंगे। और एक बेहतर समाज को हम लोग बना पाएंगे। तभी हम विचार पैदा कर पाएंगे।
निष्कर्ष :-
इस प्रकार से हमे भारत में विचार पैदा करना है, तो हमे किसी धार्मिक गुरु के चक्कर में नही रहना है, यदि वह धार्मिक गुरु अत्मज्ञानि तो उनकी बात को आप अवस्य ही सुने, lekin उनकी बात पर भी अपना तर्क करें, अपना विचार बनाना सीखे। किसी की बात को आँख बंद करके ना मानले, नही तो आप अपने जीवन में विचार पैदा नही कर पाएंगे यार।
बातों को बहुत ही गहराई से समझे, तभी समाज में विज्ञान पैदा हो पायेगा, तभी हमारा समाज विकास कर पायेगा।और विश्व मे अपना नाम कर पायेगा। इस प्रकार से हम एक बेहतर समाज का निर्माण कर सकते है।
4 faq प्रश्न उत्तर।
1. हम अपने समझ को कैसे world लेवल तक को बेहतर समझने के लिए बढ़ा सकते है?
2. सवतंत्र सोच कैसे हम लोग विकसित कर सकते है? जिससे हम अपने व्यक्तित्व का विकास कर सके।
3. कैसे हम बेहतर समाज का निर्माण कर सकते है, dhyan के द्वारा।
Ans. ध्यान का अर्थ क्या है? ध्यान के क्या क्या लाभ होते है?
4. ध्यान से अपने ज्ञान का विकास कैसे हम कर सकते है?
मेरी बातों को इतना ध्यान से पढे मै बहुत ही अनुगृहीत हूँ, मै आपके भीतर बैठे परम पिता परमात्मा को सादर प्रणाम करता हूँ। मेरा प्रणाम स्वीकार करें । धन्यवाद ।
Comment करके अपना प्रेम मुझ तक जरूर भेजे l share करे जिससे सब लोग अपनी जिंदगी बदल सके यार।