बुधवार, फ़रवरी 19, 2025
होमBlogमातृ शक्ति क्या है?मातृ शक्ति के सम्मान का विशेष महत्व क्या है?...

मातृ शक्ति क्या है?मातृ शक्ति के सम्मान का विशेष महत्व क्या है? महिलाओ के साथ हुवे द र्दनाक 4 अत्याचारों को जानिए। Hindime

। नारी क्रांति सूत्र। मातृ शक्ति |

❤ मातृ शक्ति मैं माँ हूँ मैं ही सती, मैं हि सीता हूँ, मैं ही तुम्हारी बेटी हूँ, मैं हि तुम्हारी बहन हूँ, मैं हि तुम्हारी पत्नी, मै ही तुम्हारी बहु, मैं ही तुम्हारी जननी हूँ lमातृ शक्ति

क्या लिखूँ मै, अपने माँ के बारे में, उसकी लिखावट ही मै हूँ ll

 

कई महान वैज्ञानिक इस खोज में लगे है , कि बच्चों को कैसे माँ के शरीर के बाहर विकसित किया जाए, कैसे बच्चा बाहर मे ही पैदा हो, इस खोज से माँ का मातृत्व मर जायेगा यार, और माँ इस संसार मे नही बचेगी सिर्फ एक लड़की बचेगी, माँ मर जायेगी रे भाई, सिर्फ एक लड़की बचेगी, और यदि माँ ही नही रही तो संसार मे प्रेम भी नही रहेगा l क्योकि माँ का दूसरा नाम प्रेम है l ❤ प्रेम कहो या माँ बात एक ही हैl

माँ नही रहेगी तो संसार युद्ध भूमि बन जायेगी और संसार खत्म हो जायेगा यार l

 

❤ मातृ शक्ति लोग समझते है की पुरुष ज्यादा मजबूत है, लेकिन ये physically ही सही बात है, बाकी ज्यादतर जगह स्त्री पुरुष से बहुत आगे है , चाहे वह शरीर की प्रतिरोधकता हो किसी बीमारी से लड़ने की तो स्त्री के शरीर मे ज्यादा होती है, पुरुष की तुलना मे, स्त्री मे शहनसीलता पुरुषो से अधिक होता है, धैर्य अधिक होता है l

 

❤ जब 100 लड़की पैदा होते है उसपर 125 लड़का पैदा होते है इस 125 लड़को मे से 25 वर्ष के होते तक 100 ही बचते है,बाकी 25 मर जाते है, अब समझ गये होंगे की स्त्री(माँ) कितनी मजबूत है l

 

❤ माँ ही संसार कि सबसे बड़ी इंजिनीयर होती है, जिसने मानव को बनाया, लेकिन वे जानती नही कि पुरुष तो बल्ब, प्लेन, विधुत, कंप्यूटर, लैपटॉप, मोबाइल, रॉकेट, कार, ट्रेन, बस भले ही सबसे पहले पुरूष ने बनाया हो लेकिन उन पुरूसो को बनाने वाली माँ है, यार l

 

❤ फिर भी हमारे समाज मे स्त्री को जब महीना (date)आता है, तो मंदिरों मे घुसने क्यो नही दिया जाता है ,डेट आने से कोई स्त्री कैसे अपवित्र हो सकती है, जबकि उसी स्त्री उसी अंडाणु से बना बच्चा पवित्र हो जाता है,(वो तुम हो) ये तो पुरुष प्रधान समाज का स्त्री वर्ग पल को नीचे दिखाने कि साजिश है, बात तो एकदम साफ है कि जिस अंडाणु से बच्चा बना है, वही ही तो समयावधि होने शरीर से शरीर द्वारा बाहर निकाल दिया जाता है, फिर इसमें स्त्री कैसे अपवित्र हो गयी यार, किसी के बातो को ऐसी मत मानो यार अपने प्रयोगों और अपने अनुभव के अनुसार किसी भी चीज को समझकर तर्कपूर्ण तरीके से किसी तथ्य को माने l

 

❤ हमारे अनेक महापुरुष ऐसे भी हुवे है जो मातृ शक्ति नारी को नर्क का द्वार कहा है अपने पुस्तको मे, शायद वे भूल गए है की उसी स्त्री ने उसे जन्म दिया है, मातृ शक्ति नारी सृजन है, नारी है तो तुम हो, यदि किसी पुरुष को को बच्चा पालने के लिए के लिए दे दो तो या तो वह खुद मर जायेगा, या किसी को दे देगा उसको पालने के लिए, लेकिन माँ हर दर्द सहकर पालती है अपने बच्चे को, ऐसा लगता है कि माँ को भी प्यार करना बच्चा हि सिखाता है, माँ को देखकर बच्चा अलग ही अंदाज मे आ जाता है l

 

 

❤ फिर वह प्रेम वो माँ अपने परिवार और संसार मे फैलाती है, मातृ शक्ति माँ बनने से ही एक लड़की के जीवन मे प्रेम का सागर फूटता है और वह लड़की पूर्णतः प्रेम से भर जाती है और वह लड़की अब माँ बन जाती है, क्योकि लड़की जीवन माँ बनकर अपने पूर्णतः को प्राप्त कर लेती है, जो शिखर है, जो सबसे ऊंचा है, माँ बनकर एक लड़की अपने संपूर्णतः को प्राप्त करती है, मातृ शक्ति और इस माँ बनने के कारण उस स्त्री के चेहरे मे अलग सी चमक आ जाती है मातृत्व का, जो बहुत ही अनमोल है ll मातृ शक्ति और यदि भगवान तक जाना है तो प्रेम ही रास्ता है, मातृ शक्ति भगवान को बेहतर ढंग से समझने का l गणित से हम भगवान को कभी नही समझ पाएंगे, कितना भी गुणा भाग कर लो l

 

❤ यदि संसार से स्त्री गायब हो जाए तो प्रेम संसार से मिट जायेगा और, और पुरुष चित अपने को श्रेष्ठ दिखाने के लिए युद्ध कर करके संसार को नर्क बना देगा, संसार से जीवन समाप्त हो जायेगा जल्दी l ये तो प्रेम संसार मे स्त्री (माँ) के कारण है, जो कि स्वयम भगवान का रूप है l

 

❤ कि मांग लू ये मन्नत कि फिर यही जहा मिले

फिर वही गोद फिर वही माँ मिले

 

 

 

❤ मुझसे तुम हो तुमसे मैं हूँ, मैं तुम्हारी माँ हूँ l

आज हमारा समाज कितना विकसित हो गया लेकिन समाज आज शिक्षित नही हुआ, क्योकि शिक्षित समाज तर्क करता है कोई भी चीज को आँख बंद करके नही मान लेता है, हर चीज पर अपना अनुभव लेता है या प्रयोग करके देखता तब मानता है हमारा समाज कब सोचना सीखेगा, कब हमारा समाज सोच समझकर कोई चीज का जवाब देगा ll

आज हमारा समाज पढ़ा लिखा बहुत है लेकिन शिक्षित नही है, रट डाला है लेकिन आज तक किसी भी विचार पर तर्क करना नही सीखा, कब लोगो के समझ मे विकास होगा, कब यह समाज समझदार बनेगा, कब तर्क करेगा मेरा भारत l

 

❤ जो भी माता अपने बच्चा को दूध आने के बाद भी नही पिलाती वह स्त्री कभी पूर्णतः माँ बनने का सुख का अनुभव नही कर सकती है और जीवन भर अंदर (मन) से बेचैन रहते ऐसी स्त्री, बातो कि गहराई को समझे, मा बेटा का रिस्ता संसार का सबसे अधिक प्रेम भरा रिस्ता है, माँ अपने बच्चा को दूध अवस्य पिलाये, नही तो पूर्णतः मातृत्वता को आप कभी समझ नही पाएंगी l

 

❤ माँ बेटा का प्रेम अनन्य है, आज तक ऐसा कोई भी केस नही आया जिसमे मातृ शक्ति माँ ने अपने बच्चे को को मारा हो, लेकिन ऐसा बहुत से केस है जिसमे पत्नी ने पति को मार दिया और पति ने पत्नी को मार दियाll

 

 

  । महिलओ पर अत्याचार। 

 

1. सती प्रथा के नाम से स्त्री को जलाना

❤. सती प्रथा के नाम स्त्री को बहुत जलाया गया है लेकिन किसी पुरुष को ऐसा सती करके नही जलाया गया ।

2. सीता माता का ही अग्नि परीक्षा क्यो? 

सीता माता का अग्नि परीक्षा की मांग हुआ मातृ शक्ति लेकिन राम भगवान पर कोई उँगली नही उठी , मातृ शक्ति यदि एक स्त्री अपने पति से दूर रहके चरित्रहिन हो सकती है, तो एक पुरुष भी अपने पति से दूर रहकर चरित्रहिन हो सकता है l लेकिन राम पर कोई सवाल नही उठाया गया l

ये स्त्री जाती पर अन्याय हैl

3. पढ़ने क्यों नही दिया जाता था, पहले महिलाओ को। 

. पहले महिलाओ को पढ़ने नही दिया जाता, ताकि महिलाओ को दबा के रखा जाए और दासी और गुलाम की तरह ताकि पुरुष उस पर शासन कर सके l

 

4. महिलाओ को आज भी समाज डायन, टोनाही, जैसे चीज कहकर प्रताड़ित करता है, पुरुषों को क्यो नही। 

महिलाओ को आज भी समाज डायन, टोनाही, जैसे चीज कहकर प्रताड़ित किया जाता है, कई महिलाओ को इसी कारण मार दिया जाता है, फालतू बदनाम करके, मातृ शक्ति जादू करने वाली करके बदनाम कर दिया जाता है और घर से निकाल दिया जाता है, या जला देते है या मार देते है ll

मातृ शक्ति मनुष्य कर्म स्वयम करता है फिर दुख का कारण दूसरा थोड़ी है यार. मातृ शक्ति मनुष्य अपने दुख कारण स्वयम है ll सब महापुरुष यही बात बार बार बोलकर चले गए लेकिन आज तक हम लोग समझे ही नही l

 

❤ महिलाओ के साथ ऐसा व्यवहार पुरूष प्रधान समाज के कमियों को बताता है, कैसा है ये समाज स्त्री को पढ़ने क्यो नही दे रहा ये पुरुष ये तो नही सोचता की मुझसे आगे ना बढ़ जाए करके, मातृ शक्ति क्यो नारी को नर्क का द्वार बोला जा रहा है ताकि स्त्री अपने आप को मानसिक रूप से नीचा महसूस करे l

क्या चाहता था पहले का समाज।

 

❤ आज भी हमारा समाज महिलाओ को अपने गुलाम जैसा काम कराते है, रात दिन काम करती है स्त्री l

और इस गुलामी और दबाने के कारण स्त्री मानसिक रूप से पुरा गिर जाती है और और जब वह स्त्री किसी बच्चे को जन्म देती है तो वही गुण लेकर पैदा होती है , वही दब्बू स्वभाव, वही डर, वही गुलामी वाली मानसिकता के साथ, यह भी एक कारण है जिसके कारण भारत मे बड़े businessmen नही निकल पाते है, सब गुलाम मानसिकता वाले बच्चे निकल पाते है l

❤आज भी लड़कियों को हमारा समाज घर से ज्यादा निकलने नही देता है, तो ऐसे मे उनके ज्ञान का विकास कैसे होगा, कैसे उनके दिमाग का विकास होगा, लडकिया गधही है नही ये तो हमारे समाज ने उनको घर से निकलने नही दिया इसी कारण उनका दिमाग का विकास नही हो पाया है l

यदि हमे समाज को आगे ले जाना है तो, स्त्रियो को भी समाज मे समानता मिलनी चाहिए ll

स्त्री (माँ) प्रेम है ll

 

4 faq प्रश्न उत्तर 

1. क्या नारी के innvation हम है l

Ans, हा, ये सच है l

2 . क्या नारी भगवान स्वरूप हैं l

Ans, हा, भगवान सबमे बसते है ll

3. क्या नारी प्रेम का सागर है l

Ans. हा ll

4. क्या नारी से नर है और नर से नारी है

Ans,, हा, ये सत्य है l

मेरी बातों को इतना ध्यान से पढे मै बहुत ही अनुगृहीत हूँ, मै आपके भीतर बैठे परम पिता परमात्मा  को सादर प्रणाम करता हूँ । धन्यवाद ।

 

l Comment करके अपना प्रेम मुझ तक भेजे l share करे जिससे सब लोग अपनी जिंदगी बदल सके यार।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

riteshkumar33870
riteshkumar33870https://hindibro.com
I'm Ritesh kumar. I'm philosopher, I'm international business man,
RELATED ARTICLES

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Most Popular

Recent Comments