बुधवार, फ़रवरी 19, 2025
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मनुष्य कितने प्रकार के होते है? Hindime.

मनुष्य कितने प्रकार के होते है?

 

मनुष्य संसार में तीन प्रकार के लोग होते है, तीनो ही प्रकार के लोग बहुत ही भिन्न होते है।

1. विश्वास करने वाले लोग। मनुष्य (आँख बंद करके किसी की बात को मान लेने वाले)

2. विचार करने वाले लोग मनुष्य(तरकशील लोग)

3. निर्विचार लोग (अत्मज्ञानि लोग)मनुष्य

1. विश्वास करने वाले लोग :-मनुष्य

वैसे लोग जो किसी की भी  बात को  बिना तर्क के मान लेते है, इस प्रकार के लोगों को बिना किसी प्रयोग के किसी की, भी बात को आँख बंद कर मान लेते है इन्ही लोगों के कारण संसार में अंधविश्वास मनुष्य समाज में आता है। एक पीढ़ी का पाखंड, दूसरे पीढ़ी की परम्परा बन जाती है।

क्योकि ये लोग कभी भी किसी चीज को अपने प्रयोग द्वारा सत्यापित नही करते है, बल्कि जो भी कोई पोंगा पंडित बोल देता है, उसी  को मान जाता है, जिसके कारण समाज में बहुत ही अंधविश्वास है। यदि मनुष्य अपने प्रयोगों से  सत्यापित करके किसो चीज पर विश्वास करें तो हम एक बेहतर समाज का निर्माण हम कर सकते है।

और हम अपने समाज का बेहतर विकास इस प्रकार से कर सकते है, क्योकि भारत ने आज तक सिर्फ माना है,मनुष्य जानने का कोशीश कभी नही किया इसी कारण भारत मे आज तक हम लोग विज्ञान पैदा नही कर पाए।

जिस दिन हम अपने प्रयोगों द्वारा किसी चीज को सत्यापित करेंगे तो हम भी भारत में एक दिन विज्ञान पैदा कर पाएंगे। जिससे हम अपने समाज को बेहतर बनाके के  बेहतर विकास कर पाएंगे।

ये विश्वास करने वाले लोग बड़े ही खतरनाक होते है, क्योकि इसी का कारण है, मनुष्य की आज भारत या अम्य देशों मे महिलाओ को masijd मे घुसने नही दे रहा है , तो कही महीना (date) ; आने  पर मंदिर में घुसने नही दे रहे है।

और वही उसी स्त्री के पेट से या अंडा से बना या उसी पेट में 9 महिना बच्चा रहा और वह लड़का पवित्र हो गया, मनुष्य जबकि उसकी मां (स्त्री) आज भी अपवित्र है, ये सब हमारे विश्वास का ही कारण है, की हमारे समाज ने आँख बंद के मान लिया कभी भी तर्क नही किया, इसी कारण लोग आज भी इन्ही अंधविश्वास के कारण सजा भोग रहे है।

मनुष्य

2. विचार करने वाले लोग। 

ऐसे लोग जो किसो की बात को मानते नही बल्कि अपना प्रयोग करके अपना हर चीज को सत्यापित करके मनुष्य अपना अलग मत देते है, साइटिफ़िक लोग जो experiment के आधार पर बात करते है, ऐसे लोग थोड़ा ठीक होते है ।

लेकिन इनका भी ज्ञान परम सत्य ज्ञान नही हो सकता है, गलत भी हो सकता है, ऐसा हो सकता है, की हमारे पृथ्वी मे कोई भी चीज gravity के कारण नीचे जाती है, लेकिन सनी ग्रह मे अलग हो सकता है।

उसी प्रकार ये परम सत्य नही हो सकता है , की हर जगह का पानी 100°c पर ही भाप बने। वैज्ञानिक भी गलत हो सकते है , हो सकता है, कही का पानी 150°c पर भाप बने। ऐसा संभवना है।

ऐसा हो भी सकता है,  क्योकि जिस प्रकार अलग अलग शरीर में उसके शरीर के अनुसार सुगर हो सकता है, क्योकि हर व्यक्ति का शरीर के अनुसार सुगर लेबल हो सकता है। कोई ज्यादा तगडा है तो उसके में ज्यादा सुगर लेवल होगा, लेकिन यदि कोई कमजोर इंसान है तो उसे कम में ही कमजोर हो जाता है।

वैज्ञानिक एक निशिचत सुगर के लिए तय कर दिये है, इतना में आपको सुगर हो जायेगा करके,  लेकिन ये हर व्यक्ति के लिए सही नही है। हर व्यक्ति का अलग अलग है मनुष्य, इसी कारण से वैज्ञानिक का बात भी परम सत्य नही हो सकता है।

3. निर्विचार लोग (आत्मज्ञानी लोग) 

वैसे लोग जो आत्मज्ञान को प्राप्त कर लिए है और जो परम समाधि को जान गए है, वे लोग बड़े ही ज्ञानी होते है न, ओशो, बुद्धा, महावीर जैसे लोग, जिन  लोगों ने अपने विचार से संसार को बदला है, और संसार में मोक्ष का नया नया रास्ता दिया है, जिसे हम समझ के अपना विकास कर मोक्ष को प्राप्त कर सकते है।

ये लोग संसार के सबसे अनमोल लोग है, जिनके बताये रास्तो पर चलकर मानव आज तक मानव बना है, नही तो ये मानव अपने आप को श्रेस्ट बताने के चक्कर मे सब मर जाते साले।

इन्ही लोगों के कारण इनका अस्तित्व है । इस प्रकार के मानव superman की तरह होते है, सबसे अलग ये लोग बहुत ही विकसित mind वाले होते है।

 

  निष्कर्ष:- 

इस प्रकार से हमारे समाज में तीन प्रकार के लोग होते है, जिसमे से मान  लेने वाले लोग सबसे निम्न प्रकार के होते है, जबकि तर्क करने वाले बहुत ही वैज्ञानिक दृस्तिकोंन वाले होते है, जबकि निर्विचार वाले बहुत ही superman अत्मज्ञानि लोग होते है, जिन लोगो के कारण संसार मे अब तक इंसानियत है, मुझे लगता है इन्ही लोगो के कारण है।

क्योकि यही लोग संसार में दया, प्रेम और ध्यान का रास्ता को btakar संसार को युद्ध से बचा के रखे है, जिस दिन संसार से आत्मज्ञानी लोग संसार से गायब हो जायेंगे उस दिन संसार में इंसान नही जानवर रहेंगे।

4 faq प्रश्न उत्तर। 

1. संसार मे हम कैसे वैज्ञानिक सोच विकसित कर सकते है?

Ans.स्वतंत्र कैसे सोचे ?वैज्ञानिक दृष्टिकोण कैसे पैदा करे?जानिये स्वतंत्र सोच विकसित करने के 7 महत्वपूर्ण लाभ को l hindime.

2. कैसे हम ध्यान से ज्ञान प्राप्त कर सकते है?

Ans. ध्यान से ज्ञान कैसे प्राप्त करें?ज्ञान बढ़ाने के लिए क्या करना चाहिए?ज्ञान कैसे मिलेगा? जानिए इन 3 रहस्य जिससे आप अपने ज्ञान को ध्यान द्वारा बढ़ा सकते है।hindime.

3.  कैसे हम अपने समझ को high levels तक ले जा सकते है?

Ans. समझने की शक्ति को कैसे बढ़ाएं?सोचने और समझने की शक्ति को कैसे बढ़ाए?जानिए इन 3 बहुत ही प्रभावशाली तरीको को जिनसे आप अपना समझ को बढ़ा सकते है आसानी से। Hindime.

4.  हमें कैसे ध्यान करना चाहिए । ध्यान करने के क्या लाभ है?

Ans.ध्यान करने से क्या फायदा होता है? ध्यान कैसे करे? ध्यान करने के महत्वपूर्ण 7 टिप्स और ध्यान करने के 14 पॉवरफुल लाभ को जानिए। Hindime

मेरी बातों को इतना ध्यान से पढे मै बहुत ही अनुगृहीत हूँ, मै आपके भीतर बैठे परम पिता परमात्मा  को सादर प्रणाम करता हूँ । मेरा प्रणाम स्वीकार करें lधन्यवाद ।

 

Comment करके अपना प्रेम मुझ तक जरूर भेजे l share करे जिससे सब लोग अपनी जिंदगी बदल सके यार।

 

 

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I'm Ritesh kumar. I'm philosopher, I'm international business man,
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