बुधवार, फ़रवरी 19, 2025
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मांशाहार क्यों नहीं करना चाहिए?मांस मछली खाना चाहिए या नहीं।hindime

मांशाहार क्यों नहीं करना चाहिए?मांस मछली खाना चाहिए या नहीं।

 

मांशाहार बहुत से लोग करते है, जिससे बहुत से जीव मर जाते है, यदि आप मांस खाते है, तो किसी ना किसी जीव को अवस्य ही मारके खाते है, अतः आप अपने व्यक्ति गत स्वार्थ के लिए दूसरे जीव को मारके खाते है, लेकिन इस मारके खाने से आपको लगता है, की आप मांश खाकर अपने शरीर को बेहतर करेंगे करके, लेकिन ये सत्य नही है, कि मांश खाने से शरीर थोड़ी बनता है यार।

बल्कि आपके शरीर में बहुत से बीमारी आती है, और आप जिस जानवर का मांश खाते है, वैसा ही आपका चेतना होते जाता है। और उसी के जैसे आप बनते जाते है ।

मांस

  महवीर, gurunank aur बुद्धा , विष्णु जी गरुड़ पर पुराण में  मांशाहार करने के लिए क्यो नही कहा है? 

महवीर, gurunank aur बुद्धा ने मांशाहार करने के लिए इसीलिए नही कहा है, की उस जीव की हिंशा होगी करके, बल्कि इसीलिए कहा है, कि जिस जीव को आप मारके खावगे, वैसा ही आपकी चेतना या उसी जीव जैसी आपकी चेतना हो जायेगी।

जैसा खावगे, जैसा देखोगे, वैसा ही तो बनोगे ना यार, और यदि आप मुर्गी, सुवर, मछली, मांस को खाते हो तो आपकी चेतना उन्ही के जैसे नीचे गिरेगी और आप मनुष्य रूप में भी पशु की वृत्ति आपमें आ जायेगी धीरे धीरे।

इसीलिए महवीर, gurunank aur बुद्धा ने कहा है, की यदि अपनी चेतना को उठाना है और अपने अध्यात्मिक जीवन में आगे बढ़ना है , तो आप मांशाहार ना करे। क्योकि मांशाहार  मांस से अवस्य ही आप अपने जीवन मे चेतना नीचे की ओर जायेगी।

यदि आपको अपनी चेतना को उपर कि ओर उठाना है, तो मांशाहार मांस बिल्कुल ना करें, इसीलिए नही की हिंशा होगी, बल्कि इसीलिए की जीवन में चेतना को उपर उठाया जाय और अपने जीवन में क्रांति लाया जाय।

आज अमेरिका विकास तो कर लिया है, लेकिन खुश क्यो नही, है मांस हर दूसरा व्यक्ति cycologist के पास जा रहा है, जानवरो को खाकर जानवर जैसा शरीर तो बना लिया है, लेकिन चेतना को उपर नही उठा पाया है, इसी कारण अमेरिका में दुख बहुत ज्यादा है।

क्योकि मांसाहार से मनुष्य की चेतना बहुत ही नीचे हो जाती है, जिसके कारण, मनुष्य अपने जीवन में आसानी से अध्यात्म जगत में प्रवेश नही कर पता है।

मनुष्य जन्म का पहला और अंतिम उद्देश्य मोक्ष प्राप्त करना है, और अपनी आत्मा को परमात्मा मे मिलाना होता है, लेकिन मनुष्य  अपने जीवन के प्रमुख उद्देश्य को कभी समझ नही पाता है।

क्योकि मनुष्य समाज के अनुसार अपना लक्ष्य निर्धारित करता है, उसे अपना उद्देश्य का पता हि नही होता है, की मेरे जीवन का उद्देश्य क्या है। यदि मनुष्य ये जान जाए की मनुष्य के जन्म का पहला और अंतिम उद्देश्य मोक्ष प्राप्त करना (अपनी चेतना को उपर उठाना) है, ये समझ जाए , तो मनुष्य अपने जीवन में ज्यादा सुख शांति को प्राप्त कर सकता है।

मनुष्य को लगता होगा की मै इंसान हूँ, करके लेकिन वह इंसान है, ही नही वह सिर्फ एक पशु है, वह इंसान उसी दिन बनेगा जिस दिन वह अपनी चेतना को उपर उठाने के प्रयतन करना चालू कर देगा तभी समझ सकता है, की वह अब तक सिर्फ एक वह जानवर था।

क्योकि इस संसार में हमारा कोई भी लक्ष्य हमारा नही है, ये सब लक्ष्य हमारे समाज को देखकर हमने तय किया है, इस प्रकार से हम अपने लक्ष्य को तय कर रहे है, इसी कारण हम अपने जिंदगी में इतना आगे अपने चेतना के स्तर में नही उठ पाए है।

यदि आप अपने लक्ष्य तक पहुँचना चाहते है, तो आप ध्यान करें हर रोज, जिससे आप मांस को अपना पहला और अंतिम लक्ष्य आपको समझ आयेगा तभी आप अपनी चेतना को उपर उठा पाएंगे। और अपने जीवन में क्रांति ला पाएंगे। Enkalb.

 

    निष्कर्ष :-

यदि आप अपने चेतना को उपर उठाना चाहते है, तो आप भी मांसाहार ना  करें भाई। तभी आप अपने जीवन में अध्यात्मिक विकास कर पाएंगे और संसार में अपना चेतना को उठाकर अपने जीवन मे विकास करके बनने लक्ष्य तक पहुँच पाएंगे, क्योकि आपकी चेतना जिंतना उपर उठेगा आप उतना ही ज्यादा अपने जीवन में भी विकास कर सकते है।

Buddha महावीर ने बार बार इसीलिए कहा है, की मांसाहार नही करने की बात कही है, क्योकि मांसाहार से आपका जीवन में चेतना कभी भी उपर नही उठती है, इसी कारण तो साधु सन्यासी लोग कभी भी मांश का सेवन नही करते है।

क्योकि मांश कभी भी चेतना को उपर की ओर उठने नही देता है, यदि आप अपने चेतना को उपर उठा पाए, तभी आप अपने लक्ष्य को प्राप्त  कर पाएंगे नही, तो आप जीवन भर भटकते  रहेंगे और आप कभी आप अपने जीवन के उद्देश्य को समझ नही पाएंगे।

क्योकि यदि आप अपने जीवन में कितना भी पैसा कमा लो , और आपकी चेतना उपर नही उठेगी तो, आप कभी भी अपने लक्ष्य को आप समझ नही पाएंगे और अपने जीवन में अध्यात्म का विकास नही कर पाएंगे, जिसके कारण आप अपने जीवन में आपकी अध्यात्मिक उन्नति नही हो पायेगी।

 

4. Faq प्रश्न उत्तर। 

1. क्या दूध पीने से भी चेतना नीचे की ओर जाती है?

Ans. दूध पीने के क्या नुकसान है? हमें दूध क्यों नहीं पीना चाहिए? Hindime

2. हम कैसे मोक्ष की प्राप्ति कर सकते है? जिससे हम अपने आत्मा को परमात्मा में  मिला सके?

Ans. क्या पुनर्जन्म सच है ?क्या हिंदू धर्म में पुनर्जन्म सच में होता है? मोक्ष पाने के लिए अपनाये ये 6 महत्वपूर्ण टिप्स को । Hindime

3. कैसे हम अपने जीवन में ध्यान कर सकते है, जिससे हम अपने लक्ष्य को जाने?

Ans. ध्यान कितनी देर तक करना चाहिए?ध्यान को दिमाग बदलने में कितना समय लगता है? 6 बहुत ही प्रभावशाली तरीको से आप ध्यान में ज्यादा समय तक बैठ पाएंगे।

4. अध्यात्म का विकास हम  अपने जीवन में कैसे करे।

Ans. अध्यात्म से आप क्या समझते हैं?अध्यात्म का हमारे जीवन में क्या महत्व है ?क्या अध्यात्म मोक्ष का प्रवेश द्वार है? Hindime.

 

मेरी बातों को इतना ध्यान से पढे मै बहुत ही अनुगृहीत हूँ, मै आपके भीतर बैठे परम पिता परमात्मा  को सादर प्रणाम करता हूँ । मेरा प्रणाम स्वीकार करें lधन्यवाद ।

 

Comment करके अपना प्रेम मुझ तक जरूर भेजे l share करे जिससे सब लोग अपनी जिंदगी बदल सके यार।

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I'm Ritesh kumar. I'm philosopher, I'm international business man,
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