महिलाओ में चेतना को कैसे जागृत कर सकते है? जानिए महिलाओ का चेतना जागृत किया जाय तो होने वाले
स्त्री में आत्मा पैदा करने के लिए उसे प्यार करके ही शादी करना होगा तभी स्त्री की आत्मा जागृत हो सकती है , और यदि हमने ऐसे ही लड़कियों के साथ गुलाम की तरह व्यवहार करते रहे, तो मुझे नही लगता है, की हम लोग लड़की लोगों में उनका आत्मा को जागृत कर सकते है।
जैसा की पहले चीन में ऐसा माना जाता था की लड़कियों में आत्मा नही होता है, करके माना जाता था, और लड़कियों के साथ कोई वस्तु जैसा व्यवहार किया जाता था, इस समय चीन में ऐसा होता था, लड़की लोगों को किसी वस्तु से ज्यादा नही समझा जाता था, और लड़कियों का पति जब चाहे जान से मार सकता था, और उस पर कोई मुकदमा नही चलता था।
इस प्रकार से चीन में बहुत ही नारी जाती का आत्मा नही होता है, करके बहुत ही निर्ममं हत्या कर दिया जाता था, और कोई कार्यवाही नही होती थी।
और आजका समाज भी नही लगता मुझे बदला भारत भी सतीप्रथा, तो कही मंदिर में घुसने नही दे रहा है, तो कोई और कुछ कर रहा है, जबकि सब उसी माँ के मांस हड्डी, रक्त का बना कर वह बेटा शुद्ध हो जाता है।
आज हमारे समाज में आज भी अंधविश्वास है , इसे हमे दूर करना होगा तभी हम बेहतर समाज का निर्माण कर विश्व मंच पर अपना समाज का बेहतर छवि रख सकते है।
स्त्री में आत्मा का जगरणं कैसे हो।
यदि स्त्री में आत्मा का जग्ररणं करना है, तो हमे उनको गुलामी से आजाद कर, उन्हे प्रेम करके विवाह करने की छुट देनी होगी, तो हम स्त्री की आत्मा को हम जागृत कर पाएंगे, आज तक हमने सिर्फ लड़कियों के साथ एक गुलाम की तरह व्यवहार किये है, इसी कारण से समाज में स्त्री की आत्मा जागृत नही हो पायी है।
हमारा समाज जब अरेंज marrige होता है, तो लड़कियों को गुलाम की तरह रखा जाता है, यदि एक लड़का के साथ ऐसा किया जाय तो, साला फांसी होकर मर जायेगा, इतना गुलामी में आत्मा हि मर जाती है, यार इतना गुलाम जैसा रहते रहते स्त्री भी अपने आप को गुलाम समझने लगती है, और अपने आप जब पत्र या फोन मे बात करती है , तो आपकी सेवक या आपकी दासी करके बात करती है।
इस प्रकार इंसान पूरी तरह गुलाम हो जाता है, जिससे आत्मा का जागृत करना थोड़ा मुसिकल् है, यदि हम अपने स्वतंत्र वातावरण दे, तो हम लड़कियों के आत्मा को भी जागृत करके, बुद्ध, aur महावीर जैसे बुद्धीन, महावीरीन हम पैदा कर सकते है, और संसार को बदल सकते है।
जो महिला समाज में क्रांति ला सकते है, ये पुरुष तो बहुत बुद्ध हुवे, लेकिन महिलओ को इन लोगों ने नही उठाया बल्कि, और बोल दिया की ये महिलाएं अपवित्र होती है, अतः इनको डेट के दौरान मंदिर मस्जिद में मत घुसाओ , ऐसा ऐसा नियम बना के चले गए, जिसे महिला लोग आज भी भोग रहे है।
यदि महिला समाज में क्रांति लाना है, तो महिला लोगों को अपना आत्मा जागृति करके इस युग के बुद्द महिलाओ में से निकलना चाहिए, तभी महिलाओ के जीवन में क्रांति अवस्य ही आयेगी तभी महिलाओ का जीवन बदल पायेगा और अपने जीवन में बेहतर विकास कर पाएंगे महिला समाज।
हमे बातों को बहुत ही गहराई से समझना जरूरी है, तभी महिला वर्ग अपना विचार पैदा कर पाएंगे और तभी पुरुषो के किसी भी बात को आँख बंद करके नही मानेगा बल्कि प्रत्येक बात पर महिला वर्ग तर्क कर पाएंगे। तभी हम महिला लोगों को बेहतर कर पाएंगे।
यदि हमने महिलाओ को बेहतर ढंग से स्वतंत्रता दी, तो हम महिलाएओ में आत्म जागृत करके बेहतर समाज का निर्माण हम लोग कर पाएंगे और तर्कसंगत महिला समाज का निर्माण हम लोग कर पाएंगे।
निष्कर्ष :-
इस प्रकार से यदि हम अपने समाज में महिलाओं का विकास, महिलाओं का अपना विचार पैदा करना चाहते है, तो महिलाओं को प्रेम से विवाह की ओर जाने देना, उनको स्वतंत्रता देना तभी हम महिलाओं की आत्मा को जागृत करके बेहतर समाज का निर्माण कर सकते है, जिसमे महिलओ को अपना, विचार अपना सोच होगा।
जहाँ पुरुष महिलाओ को नीच नही दिखा पाएंगे, जहाँ पुरुषों के द्वारा महिलओ को नीचे दिखाने पर महिला उसका विरोध करके अपना पक्ष रख के अपने महिला समाज के goarav और मान सम्मान को बेहतर कर सकते है। जय हिंद।
4 faq प्रश्न उत्तर।
1. कैसे हम अपना विचार पैदा कर सकते है, जिससे हम अपने दिमाग का बेहतर विकास कर सके?
2. सवतंत्र सोच हम कैसे विकसित कर सकते है?
3. कैसे हम अपने समझ का विकास करके, अपना विकास बेहतर तरीके से कर सकते है?
4.deep work करके कैसे हम अपने जिंदगी को बदल सकते है?
Ans. डीप वर्क कैसे करें? Deep work book summary। Hindime
मेरी बातों को इतना ध्यान से पढे मै बहुत ही अनुगृहीत हूँ, मै आपके भीतर बैठे परम पिता परमात्मा को सादर प्रणाम करता हूँ। मेरा प्रणाम स्वीकार करें । धन्यवाद ।
Comment करके अपना प्रेम मुझ तक जरूर भेजे l share करे जिससे सब लोग अपनी जिंदगी बदल सके यार।