क्या मनुष्य अपने दुख और सुख का कारण स्वयम है।
क्या मनुष्य अपने दुख और सुख का कारण स्वयम है l मनुष्य कर्म स्वयम करता है, लेकिन जब दुख आता है, आता है, तो अपने दुख का कारण दूसरे को समझता है, लेकिन जब सुख आता है, तो मनुष्य अपने सुख का कारण स्वयम को या किस्मत को समझता है, मैंने जहाँ तक जाना है, वहाँ तक तो मुझे लगता है किस्मत होता ही नही है, ऐसा लगता है, क्योकि ये किस्मत भी आपके इस जन्म या पूर्वजंम के कर्म के ही फल है, अतः आप अपने सुख के कारण स्वयं है l और दुख का करण भी स्वयम है।
।संसार में दुख का मूल कारण मनुष्य का इच्छा है।
मनुष्य अपने आप को अपने दुख का कारण नही मान सकते है, क्योकि लोगो में इतना हिम्मत नही है, कि वे अपने को अपने ही दुख का कारण स्वयम को माने l यदि मनुष्य अपने आप को अपने दुख – सुख का कारण स्वयम को माने तो मनुष्य अपने जीवन मे क्रांति ला सकते है l
अप्पो दीपो भव (अपना दीपक स्वयम बनो) तभी तुम्हारे जीवन मे बुद्धा जैसा क्रांति आ शक्ति है, तभी तुम इंकलाब अपने जीवन मे ला पाएंगे l और संसार को आप बदल पाएंगे, और संसार को नया रास्ता आप दे पाओगे ll
सभी अत्मज्ञानियो ने बार बार कहा है कि मनुष्य अपने दुख का कारण स्वयम है, लेकिन संसार के लोग ना आज समझे, ना तब (पहले) समझे l
कोई जन्म से दुखी है, तो कोई जन्म से अमीर है
ऐसा हो सकता है, कि कोई अमीर व्यक्ति अगले जन्म मे बहुत गरीब रहा हो, लेकिन इस जन्म मे बहुत अमीर है, तो उसके पुरवजंम के कर्म के फल हो सकते है, या उसकी पुरवजंम मे प्रबल इच्छा अमीर बनने के हो, जिसके लिए उसने अपने पूर्वजंम मे वैसा कर्म किया हो, जिसके कारण वह व्यक्ति का पुनर्जन्म हुआ हो और वह इस जन्म मे बहुत ज्यादा अमीर हो गया हो l
मैंने अपने अनुभव मे पाया है, कि किसी मनुष्य जीवन मे प्रत्येक घटना के पीछे बहुत बड़ा कारण होता है, कोई भी घटना होता है, उसमे मनुष्य स्वयम उस दुख का कारण होता है या मनुष्य के जीवन मे प्रत्येक घटना के पीछे गहरा से गहरा कारण मनुष्य ही है, या मनुष्य के कर्म है ll
अतः मनुष्य अपने दुख का कारण स्वयम है ll अतः मनुष्य अपने दुख और सुख का जिम्मेदार स्वयं है ll
कोई जन्म से अमीर है तो कोई जन्म से दुखी है
कोई व्यक्ति जन्म से सुखी है, तो कोई जन्म से दुखी है संसार बड़े ही दुख सुख से भरा है, कही का दुख और गरीबी देखकर दिल दहल जाता है, तो कही के सुख और अमीरी देखकर बड़ा सुकून मिलता है ll
कोई व्यक्ति जन्म से अंधा पैदा हो रहा है, तो कोई जन्म से बोल नही पा रहा है यार तो कोई सुन नही पा रहा है l इसमें क्या कारण हो सकता है, इन छोटे बच्चों ने ऐसा क्या कर्म कर दिया यार l
मुझे बहुत सोचने पर लगता है, कि ऐसा हो सकता है की, उसके कर्मो का फल हो, सकता है पुनर्जन्म होता हो ll बेहतर कर्म करे भाई अपने जीवन में, हमेशा सर्वजन हिताय मे काम करे भाई, किसी का कभी भी बुरा ना करे, यदि आप किसी से प्रेम से बात कर लिए वह भी बहुत बड़ा दान है, यार वस्तु देना ही, दान नही होता है, भाई आप प्रेम से बात किये तो आपने प्रेम दान किया भाई, और मुझे नही लगता है, की प्रेम से भी बड़ा कोई दान हो सकता है।।
प्रेम सब चीज का सार, और प्रेम से ही संसार चल रहा है l
जैसा अपने बारे मे सोचते है, वैसा दुसरो के बारे मे भी सोचे और वैसा करे भी भाई, यही प्रेम है यारा ll
जैसी करनी वैसी भरनी
मनुष्य अपने कर्म का भोगता ही है, ये गंगा नहाने, पूजा करने से आपका गलत कर्म माफ नही होगा कभी , क्योकि संसार अनुशासन (कुछ नियम कानुन) से चलता है, जहाँ आपको अपने कर्म का सजा भोगना ही है l
संसार मे प्रत्येक अत्मज्ञानियो ने बार बार समझाया अच्छा कर्म करो भाई, यदि आप बुरा कर्म करते हो, तो आप संसार मे और ज्यादा बंधते हो, यदि आप भी संसार से मुक्त होना चाहते है और परमात्मा मे विलीन होना चाहते है, तो अच्छा कर्म करो और ध्यान को समझो और ध्यान करने बैठो, वही से आपको आत्मज्ञान प्राप्त होगा l
संसार से गरीबी को कैसे खत्म कर सकते है, comment करके बताये भाई ll
3. Faq प्रश्न उत्तर।
1. कोई जन्म से दुखी है, तो कोई जन्म से अमीर है क्यों l
Ans. मनुष्य का कर्म हो सकता है ll
2.क्या मनुष्य अपने दुख और सुख का कारण स्वयम है l
Ans. हा, बुद्धा महावीर सबने यही बात की है ll
- 3. प्रेम सब चीज का सार, और प्रेम से ही संसार चल रहा है क्या l
Ans. हा, प्रेम से ही संसार चल रहा है l प्रेम खत्म दुनिया खत्म l
मेरी बातों को इतनी ध्यान से पढ़े, मै बहुत ही अनुगृहीत हूँ, मै आपके भीतर बैठे परम पिता परमात्मा को प्रणाम करता हूँ, मेरा प्रणाम स्वीकार करे ll धन्यवाद ll
Comment करके अपना प्रेम मुझ तक जरुर भेजे l share करे जिससे सब लोग अपनी जिंदगी बदल सके यार।