ध्यान का अर्थ क्या है? ध्यान के क्या क्या लाभ होते है?
ध्यान का अर्थ है मस्तिष्क में कोई भी विचार न होना, अर्थात शून्य विचार की अवस्था को ही ध्यान कहा गया है। योग के आठ अंगों में से सातवां अंग ध्यान है। उपरांत समाधि की अवस्था आती है, जो कि योग की चरम अवस्था है।
हालांकि ध्यान की स्थिति में स्वयं को स्थापित कर पाना नितांत मुश्किल कार्य है, क्योंकि मन-मस्तिष्क विचारविहीन केवल दो ही स्थितियों में हो सकता है, एक तो मृत्यु की अवस्था एवं दूसरी परम योग की अवस्था में।
मनुष्य एक सांसारिक प्राणी है एवं संसार में रहते हुए उसे अपनी पांच ज्ञानेंद्रियों-आंख, नाक, कान, जिह्वा एवं त्वचा के माध्यम से नित्य प्रति अनेकानेक विविध प्रकार के अनुभव होते रहते हैं।
इन सभी अनुभवों से मन-मस्तिष्क में विचारों का सृजन होता है । अब यदि मस्तिष्क को विचारहीनता अर्थात अवस्था की ओर ले जाना है तो निश्चित रूप से ज्ञानेंद्रियों द्वारा होने वाले अनुभवों से स्वयं को दूर करना होगा। बाहरी संसार से खुद को दूर रखकर ही हमअवस्था की ओर कदम बढ़ा सकते हैं।
वस्तुतः ध्यान एक ऐसी कुंजी है, जो कि आत्मदर्शन का मार्ग खोलती है। यदि हम अपने भीतर झांकना चाहते हैं एवं स्वयं से साक्षात्कार करना चाहते हैं तो हमें निश्चित रूप सहारा लेना होगा।
ज्ञानेंद्रियां हमें बाह्य जगत के दर्शन कराती हैं, किंतु अपने आत्मा के दर्शन करने एवं उसकी आवाज सुनने के लिए हमें ज्ञानेंद्रियों की आवश्यकता नहीं पड़ती। उदाहरण के लिए आंख बंद करके किसी विचार पर एकाग्र होना आंख खोलकर वही कार्य करने की अपेक्षा कहीं अधिक सरल है। एकाग्रता का अर्थ है, मस्तिष्क में एक ही विचारविशेष का विद्यमान होना।
हम जब तक एकाग्र नहीं होंगे, तब बहुत दूर रहेंगे। बाह्य जगत में मन को भटकाने से कहीं बेहतर है कि ध्यान के माध्यम से अपनेआप को जानने का प्रयत्न किया जाए। यही आत्मज्ञान प्राप्त करने का मार्ग है।
मनुष्य आत्मज्ञान यानी की अध्यात्म के सर्वोच्च शिखर माध्यम से पहुँचता है, और अपने जीवन में अपने आत्मा को परमात्मा में मिला कर आप मोक्ष प्राप्त कर सकते है , और अपने आप को संसार के अगले लेवल के व्यक्ति बन सकते है।
ध्यान से मनुष्य अपने गुस्सा को कंट्रोल कर पाता है, मनुष्य अपना एकाग्रता को बहुत बढ़ा देता है, जिससे आप संसार में बहुत ज्यादा कोई भी काम एकाग्रता से कर सकते है, और अपने जिंदगी को बदल सकते है।
ध्यान के फायदो को जाने।
यदि हमने बेहतर तरीका से करे, तो हम अपने जिंदगी में, धैर्य, ज्ञान , समझ सब चीजो का आप विकास करके अपने जिंदगी को बदल सकते है, जिससे आप धैर्य का विकास करके अपने जिंदगी में और बेहतर होकर हम apne जिंदगी को और बेहतर कर पाएंगे।
इस प्रकार से हम अपने जिंदगी को समाधि तक जाके अपने जिंदगी को बदल सकते है, और अपने जिंदगी को पूरी तरह से जीवन को बदल सकते है, और आप पूरी दुनिया को आत्मज्ञान प्राप्त करके बुद्ध की तरह नया रास्ता दिखा सकते है। जिससे संसार को मोक्ष की ओर ले जाया जाय।
निष्कर्ष :-
इस प्रकार हम लोग यदि प्रयोग को करे, तो हम लोग अपने जीवन को और बेहतर करके समाधि की ओर यात्रा कर सकते है, और अध्यात्म के शिखर को प्राप्त करके, हमारे आत्मा को परमात्मा में मिला के अपने जीवन को बदल सकते है।
यदि हम प्रयोग अच्छा से करे, तो हम अपने जिंदगी को और बेहतर करके, मोक्ष को प्राप्त कर सकते है, और अपने जिंदगी को और बेहतर बना सकते है।
4 faq प्रश्न उत्तर।
1. ध्यान के क्या लाभ है? ध्यान कैसे करें, जिससे जिंदगी में बहुत ज्यादा सफल हो सके।
2. ज्ञान का विकास कर सकते है, जिससे आपके पास ज्ञान की कमी न हो?
3. ध्यान कैसे करना चाहिये, जिससे हमारी जिंदगी बदल सके?
4. कैसे हम अपने जिंदगी में परिवर्तन अपने समझ को बढ़ाकर ला सकते है?
मेरी बातों को इतना ध्यान से पढे मै बहुत ही अनुगृहीत हूँ, मै आपके भीतर बैठे परम पिता परमात्मा को सादर प्रणाम करता हूँ । मेरा प्रणाम स्वीकार करें lधन्यवाद ।
Comment करके अपना प्रेम मुझ तक जरूर भेजे l share करे जिससे सब लोग अपनी जिंदगी बदल सके यार।