भावना शब्द का अर्थ क्या है?भावना का विकास करके कैसे अपने जिन्दगी में सफल हो?
भावनाएं मनुष्य के व्यक्तित्व निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। जिस व्यक्ति के भीतर जिस प्रकार की भावनाएं आकार लेगी, उसका व्यक्तित्व भी उसी अनुरूप विकसित होता जाता है। भावनाएं वास्तव में हमें आंतरिक संदेश देती हैं कि हम जिस स्थिति में हैं या हम जो कर रहे हैं, वह हमारे विश्वास, हमारी मान्यताओं और हमारी इच्छाओं एवं आकांक्षाओं के अनुरूप है या नहीं।
क्योकि low of attraction में भी आपके भावना का महत्वपूर्ण योगदान होता है, जैसा आप भावना के साथ किसी भी चीज को सोचते है, तो वही vibration आपको बहुत ही, ऊँचा अनुभव आपको कराती है, जिससे हम अपने जिंदगी में आसानी से अपनी low of attraction का प्रयोग करके आप अपने अच्छी भावना से low ऑफ attraction का प्रयोग से आप बहुत जल्दी low ऑफ attraction में आप सफल हो सकते है ।
एक प्रकार अंतरात्मा की आवाज की ही अभिव्यक्ति हैं। हमारे सभी क्रियाकलाप से ही तो संचालित होते हैं। हम अच्छीमहसूस करते हैं तो वे कार्य भी सिद्ध हो जाते हैं जिनमें हम पारंगत नहीं होते। वहीं, नकारात्मक वशीभूत होकर वह कार्य भी पूर्ण नहीं कर पाते, जिसमें हमें महारत हासिल होती है।
यदि हम जितना नकारात्मक सोचते है, तो उतना ही हमारे साथ नेगेटिव चीज होने लगती है , जितना हम पॉजिटिव होंगे उतना ही, हम अपने जिंदगी में सफल हो सकते है। भावनात्मक रूप से positive रहकर।
हमें आध्यात्मिक, मनोवैज्ञानिक और क्रियात्मक तौर पर प्रभावित करती हैं। यदि हम सकारात्मक भावनाओं से ओतप्रोत हैं तो लाभ में रहेंगे। यदि हम नकारात्मक नियंत्रण में हैं तो हमें क्षति उठानी पड़ेगी। ऐसे में अपने भावों को इस प्रकार रखना ही उचित होता है कि उनसे अच्छी प्रस्फुटित हों। इसमें अतीत के अनुभव प्रभावी सिद्ध होते हैं। इससे हम वस्तुस्थिति के बेहतर आकलन में सक्षम हो सकते हैं।
अपनी भावनाओं को संतुलित और नियंत्रित रखना जीवन के सबसे महत्वपूर्ण कार्यों में से एक है। बुरी भावनाओं से निपटने का सबसे आसान उपाय है कि उन्हें समझना, न कि उन्हें नकारना या उनके साथ बह जाना। सबसे पहले हम स्वयं से यह पूछें कि हम जो महसूस कर रहे हैं, वह क्या है, कैसी महसूस हो रही है और वह हमें क्या बताना चाहती है?
उसकी प्रकृति और स्वरूप को समझकर हमें उसके साथ अपनी ताल . मिलानी चाहिएं। स्मरण रहे कि कई बार भावनाओं के अतिरेक में बहकर हम अपना अहित कर बैठते हैं। इसलिए भावनाओं के प्रवाह की थाह लेकर ही आगे की कोई राह चुनना समझदारी है।
सकरात्मक भावना कैसे जागृत कर सकते है?
हमारी सभी हमारे ही कारण बनती है, यदि हम अपने जीवन मे सकरात्मक का विकास हम अपने हार्ट मे प्रेम में जागृत करके कर सकते है, और यदि आप अपने जीवन में या हार्ट मे प्रेम जागृत करना चाहते है, तो ध्यान से अवस्य ही आपके हार्ट में प्रेम अवस्य ही, जागृत होता है, जिससे की आप अपने जिंदगी सकरात्मक का विकास कर सकते है। और अपने जिंदगी और बेहतर कर सकते है। आप यह प्रयोग स्वयम करें, किसी की बात को माने ना।
हमारे लोग बूढ़े तो सब होते है, लेकिन कभी बड़े नही होते है, इसी कारण मै देखता हूँ, तो भावना की बड़ी ही कमी दिखता है, यदि मनुष्यका विकास बेहतर तरीका से कर ले तो, मनुष्य अपना भावनात्मक विकास बहुत ही जल्दी कर सकता है, और अपने जिंदगी को बदल सकता है।
क्योकि आप जब तक सही से affirmation नही करेंगे तब तक आप सफल नही हो सकते है, जितना आप अपने जीवम मे भावनात्मक होंगे उतना ही ज्यादा आपका affirmation kam करता है। अपने भावना का विशेष ध्यान रखे।
यदि आपने ध्यान का प्रयोग अपने जीवन मे किया तो आपका हर विचार पूर्ण से भरा होगा , फिर आप अच्छे acter बन सकते है, मैंने ध्यान का प्रयोग करके ही अपने जीवन में या अपने विचारों मे भावनात्मक विकास किया है। आप भी यह प्रयोग करके अपने विचार को भावनात्मक अवस्य ही करें, और अपने जिंदगी मे अवस्य ही सफल हो।
इस प्रकार से आप अपने जीवन का विकास करके अपने जीवन को बदल सकते है और अपने जिंदगी में इंकलाब ला सकते है। आप यह प्रयोग को अवस्य करें।
निष्कर्ष :-
विकास से ही आपका, अध्यात्मिक, मानसिक और काम करने जब में इसका बहुत ही प्रभाव होता है, आप सही उपयोग करके अध्यात्म का विकास अपने जीवन में करके मोक्ष आप प्राप्त कर सकते है।
मानसिक विकास करके आप अपने जीवन में मानसिक रूप से बहुत ही, मजबूत होते है, जिससे आप अपनी मानसिक स्थिति को सुधारकर आप अपने जिंदगी में low of attraction का प्रयोग करके आप सफल हो सकते है, और अपने जिंदगी मे आप अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते है।
आपके कोई भी कार्य करते है, यदि आप भावनात्मक होंगे तो आप बहुत ही दिल लगा के काम करेंगे और अपने जिंदगी मे आप सफल होंगे।
4 faq प्रश्न उत्तर।
1. मनुष्य कैसे ध्यान करके अपने जिंदगी में भावना का विकास कर सकता है?
2. मनुष्य कैसे अपना मानसिक विकास होकर अपने जिंदगी मे सफल हो सकता है?
3. मनुष्य कैसे मेहनत करके अपने जिंदगी में सफल हो सकता है?
4. अपनी समझ को कैसे हम हाई लेवल तक ले जा सकते है?
मेरी बातों को इतना ध्यान से पढे मै बहुत ही अनुगृहीत हूँ, मै आपके भीतर बैठे परम पिता परमात्मा को सादर प्रणाम करता हूँ । मेरा प्रणाम स्वीकार करें lधन्यवाद ।
Comment करके अपना प्रेम मुझ तक जरूर भेजे l share करे जिससे सब लोग अपनी जिंदगी बदल सके यार।