भारत को यदि विचार करने वाला और तर्कशील भारत बनाना है, तो हमे प्रयोग करके या देखकर किसी चीज को मानने का कल्चर विकसित करना होगा। किसी भी व्यक्ति के बात को मानकर हम लोग काम करते रहे, तो एक दिन सफल अवस्य समाज में अंधविश्वास पैदा करेंगे।
यदि हम किसी की बात सुनकर यदि हम लोग मान लेंगे या विश्वास कर लेंगे तो, हम लोग सायद ही अपने जिंदगी मे हम लोग भारत में विज्ञान और विचार पैदा कर पाएंगे, यदि भारत को अपना विचार, विज्ञान पैदा करना है, तो भारत को मानना नही है, भारत को जानने की कोशिस करना है। एक तर्क शील भारत अवस्य ही हम लोग बना पाएंगे।
यदि संसार को बहुत ही आगे ले जाना है, तो तर्क करना होगा, विज्ञान पैदा करना होगा, जिन जिन देशो ने माना है और जानने का कोशिश नही किया वे लोग कल भी दुखी थे, और भी अंधविश्वास के ऐसे लोग शिकार होके, आज भी ये लोग बहुत ही दुख के साथ जीवन यापन कर रहे है, सब भगवान की मर्जी है , करके मान लेते है , इसी कारण ये लोग कभी विस्मय पैदा नही कर पाते, जिसके कारण वही जीवन जीते रहते है।
ये पोंगा पंडितो की साजिश है, इसीलिए ये लोगों के उपर थोप देते है, की सब भगवान की मर्जी, बस भगवान की पूजा करो, और हम लोगों को दान दो करके बोलते है, तभी तुम लोग खुश रह सकोगे। इसी को मानते हुवे लोग अपने जीवन में काम करते है, और इसी कारण ये लोग कभी विचार या विज्ञान पैदा नही कर पाते है।
भारत में विज्ञान कैसे पैदा हम कर सकते है।
यदि भारत में विज्ञान पैदा करना है, तो भारत के culuture में प्रयोग करके बात मानने वाले समाज का निर्माण करना होगा, जहाँ हर बच्चा कोई भी बात को आंख बंद करके ना माने बल्कि किसी भी बात पर अपना तर्क और अपना विचार दे तभी भारत के कल्चर में प्रयोग करके मानने का कल्चर विकसित हो जिससे अपने देश में विज्ञान और वैज्ञानिक बहुत ही ज्यादा पैदा किया जा सकता है ।
तभी एक विचार करने वाला, तर्क करने वाला भारत का निर्माण होगा , जिससे भारत में विज्ञान और वैज्ञानिक को हम लोग पैदा कर पाएंगे और संसार को और भी बेहतर कर सकते है। इस प्रकार से हम लोग भारत में सोचने की शक्ति हम लोग विकसित कर सकते है।
जिससे हमारे भारत मे विचारक और वैज्ञानिक हम लोग पैदा कर पाएंगे, जिससे हम पूरी तरह से दुनिया को बदल सकते है, नये विचार, और नये वैज्ञानिक खोज से हम लोग लोगों के जिंदगी को पूरी तरह बदल पाएंगे।
क्योकि मनुष्य जब तक विचार नही करेगा, तब तक भारत में विज्ञान, न्यू inovation सायद ही हो, पायेगा, यदि संसार को आगे ले जाना है, तो दुनिया को एक अलग ही लेवल पर ले जाना है, तो भारत को विचार करने को सीखना होगा तभी भारत विचार कर पायेगा। और जब विचार करेगा भारत तभी भारत में विज्ञान और वैज्ञानिक हम पैदा कर सकते है।
पढ़ लिख तो बहुत रहे हो, आपने जिस चीज को पढ़ा उस पर कभी आपने विचार नही किया होगा, तभी आपके जिंदगी मे इंकलाब नही आ सकता है, यदि अपने जिंदगी में इंकलाब चाहते है, तो पढ़ने से ज्यादा समझने की कोशिश करो, और समझने से ज्यादा उस विचार पर अपना एक तर्क देना सीखो, या तर्क करना सीखो उस समझे बात पर, तभी हम लोग भारत मे विचार पैदा करके भारत मे विज्ञान हम पैदा कर पाएंगे और दुनिया को हम लोग एक दिन बदल पाएंगे।
यदि भारत में विज्ञान पैदा करना है, तो हमें विचार पैदा करना ही, पड़ेगा तभी हम लोग भारत में विचार पैदा कर पाएंगे। भारत ने अब तक माना है, जानने की कोशिश नही किया इसी कारण भारत मे आज तक विज्ञान पैदा नही हो पाया है।
मेरी बातो को भी आप माने ना अपना प्रयोग करे, तभी मेरी बातो को माने, क्योकि भारत में विज्ञान पैदा करना है यार, और ये जिम्मेदारी आपकी है, ये जिम्मेदारी मेरी है,की किस प्रकार हम भारत को आगे ले जाए।
निष्कर्ष :-
यदि हमे भारत मे विज्ञान पैदा करना है , तो बातो को मानना नही है, बल्कि बातो पर हमे तर्क करना है, तभी हम भारत में विचार पैदा कर पाएंगे तभी भारत में हम लोग विज्ञान पैदा हम लोग कर पाएंगे।
हमे कोई भी बातो को अपने प्रयोगों और अपने अनुभव के आधार पर ही मानना है , तभी हम लोग भारत में विचार पैदा करके हम लोग एक दिन विज्ञान पैदा हम लोग कर पाएंगे और दुनिया और बेहतर हम लोग कर पाएंगे।
भारत मे एक गरीबी भी कारण है, जिसके कारण भारत विचार नही कर पाता है , भूखा पेट खाने का सोचेगा का की विचार करेगा यार।
न्यू inovation तभी होगा भारत में जब भारत विचार करेगा, जब भारत तर्क करेगा तभी भारत बहुत ज्यादा वैज्ञानिक भारत में पैदा कर सकता है, रट्टा मारने से कुछ ना होगा, सिर्फ 99.99% बनेंगे बस हो गया।
4 faq प्रश्न उत्तर।
1. कैसे हम स्वतंत्र सोच विकसित करके दुनिया को हम लोग बदल सकते है? जानिए इस रहस्य को।
2. कैसे हम लोगों में विचार करने की सकती devlop कर सकते है, और लोगों के जिंदगी को और बेहतर कर सकते है।
3. कैसे हम अपने अवचेतन मन का प्रयोग करके अपने लक्ष्य को हम प्राप्त कर सकते है, और दुनिया को हम बदल सकते है?
4. कैसे हम अपने जिंदगी मे बहुत ज्यादा सफल हो सकते है? क्या है रहस्य सफलता का।
मेरी बातों को इतना ध्यान से पढे मै बहुत ही अनुगृहीत हूँ, मै आपके भीतर बैठे परम पिता परमात्मा को सादर प्रणाम करता हूँ। मेरा प्रणाम स्वीकार करें । धन्यवाद ।
Comment करके अपना प्रेम मुझ तक जरूर भेजे l share करे जिससे सब लोग अपनी जिंदगी बदल सके यार।