शुक्रवार, फ़रवरी 14, 2025
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अध्यात्म से आप क्या समझते हैं?अध्यात्म का हमारे जीवन में क्या महत्व है ?क्या अध्यात्म मोक्ष का प्रवेश द्वार है? Hindime.

  1. अध्यात्म से आप क्या समझते हैं?अध्यात्म का कार्य क्या है?

आत्मा का परमात्मा तक ले जाने का रास्ता है, जिससे मनुष्य अपने आप को संसार मे मुक्त कराके परमात्मा में मिला देता है।

यह आपकी आत्मा को परम पिता परमात्मा तक   पहुंचा देता है, जिससे मनुष्य अपने जीवन में भी बहुत आगे बड़ते है।

अध्यात्म

  अध्यात्म कहा से आता है? 

मेरे जीवन में ध्यान से आया है, अतः मै ध्यान का अनुभव आपको बताना चाहूंगा। आप यदि हर रोज ध्यान करेंगे तो आपके जीवन में विकास का जन्म जरूर होगा । With my experience

  अध्यात्म का अंतिम लक्ष्य मोक्ष है। 

जिसे बुद्ध धर्म वाले निर्वांना कहते है, तो जैन धर्म वाले केवलय कहते है, हिंदु लोग जिसे मोक्ष कहते है।

यही अध्यात्म का अंतिम उद्देश्य है, इसी में पहुँच कर लोग निर्वांना को प्राप्त करते है। बुद्धा, mahaveer, इन सबने ध्यान द्वारा ही अपने आत्मा को परमात्मा में मिलाया है।

मेरे अनुभव में ध्यान मोक्ष का परम साधन है, जिसे हमे समझना पड़ेगा। मेरी बातों को माने ना खुद प्रयोग करके देखे तभी मेरे बातों की गहराई को आप समझ पायेंगे।

आध्यात्मिक लोग कौन है?

अध्यात्मिकl लोग वही है, जिसने ध्यान को जाना है, आत्मा को जाना है, आत्मा के द्वारा परमात्मा को जाना है , वही व्यक्ति ही परम आध्यात्मिक है।

। अध्यात्म का सार ज्ञान। 

वर्तमान की तनावपूर्ण जीवन पद्धति ने मानवीय जीवन यात्रा को अधिक संघर्षमय और कस्ट से भरा हुआ बनाया है।

आजके तनाव से भरे जीवन में यदि आपके जीवननही है, तो आप जिंदगी से बहुत परेशान हो जावगे, क्योकि अध्यात्म से ही परम धैर्य और परम शांति का उद्भव आपके जीवन में होता है।

यदि आप अपने  जीवन को शांति और आनंद से परिपूर्ण बनाना चाहते है, तो इसके लिए  आपको धर्म एवं अध्यात्म का मूल्य समझना आवश्यक है। जिसके जीवन के खाते में आराधना, उपासना, योग, सकारात्मकता की जमा पूंजी नहीं होती, वह अरबों-खरबों का मालिक होते हुए भी दरिद्र है।

यह बात परम सत्य है, कि यदि जीवन में पूजा, उपासना, ध्यान ना हो तो परम शांति का अनुभव नही मिलता है। क्योकि आपको पैसा आपको हर  चीज दे देगा लेकिन शांति कभी नही दे पायेगा। जो अध्यात्म देता है।

भक्ति, स्तुति, आराधना, उपासना की पूंजी कभी नष्ट नहीं होती। उपासना से  का जीवन मे आप और आगे बड़ते हो  । यह जीवन की धातु को तपाने और सिद्ध करने की अद्भुत प्रक्रिया है।

यह  व्यक्तित्व और कर्तृत्व को मजबूत बनाने वाला  है। इससे आध्यात्मिक व्यक्ति बहुत ही अलग होता है, जिसका उसका इच्छा खत्म होने लगती है,

और मनुष्य का  इच्छा ही, मनुष्य का दुख का कारण है, प्रवेश करने से आपमें इच्छा खत्म होने लगती है भाई, और आप इस कारण प्रवेश के कारण आप बहुत खुश रहते है।

अध्यात्म से  भीतर में शांति, संतोष और प्रसन्नता का उदय होता है। बाहर आदर और सम्मान की पात्रता अर्जित होती है।

आप अध्यात्म में गहरे जाने पर आप प्रकृति के प्रत्येक चीजो का बहुत समान करने लगते है यार। जिससे आप सबसे या संसार के प्रत्येक  वस्तु से आप प्रेम कर पाते है।

गीता में कहा गया है  जो देवताओं की उपासना करता है वह देवलोक में जाता है, जो पितृलोक की उपासना करता है, वह पितृलोक में जाता है। भूतलोक का उपासक भूतलोक को प्राप्त होता है और जो मुझे ही भजता है, मुझे ही पूजता है, वह मुझको प्राप्त करता है।

उसका संसार में पूर्वजंम नहीं होता। वह भगवत्स्वरूप बन जाता है।’ यह नितांत सत्य है कि हम जिस दरवाजे को खटखटाएंगे, हमारे लिए वही दरवाजा खुलेगा।

  अध्यात्म मे प्रार्थना का महत्व। 

पूजा एवं उपासना के जितने प्रकार हैं, उनमें सबसे अधिक व्यापक और सर्वसुलभ प्रकार है प्रार्थना ।

यदि हम अपने सच्चे दिल से प्रार्थना करते है , है तो हम अपनी प्रार्थना को भगवान तक अवस्य ही, पहुंचा सकते है।

प्रार्थना भावात्मक चेतना का अहसास है। प्रार्थना पवित्रता और पावनता का एक झोंका है जिसे हम किसी धर्म, जाति, संप्रदाय, देश, काल और भाषा की सीमा में नहीं बांध सकते।

  अध्यात्म से विनम्रता का विकास। 

यह मनुष्य की नितांत व्यक्तिगत आनंद प्राप्ति का रास्ता है। प्रार्थना से मनुष्य झुकना सीखता है, नम्रता और विनम्रता सीखता है। जैसे व्यायाम से शरीर स्वस्थ रहता है, वैसे ही प्रार्थना से मन प्रसन्न रहता है, आत्म-विश्वास पुष्ट होता है और चित्त का प्रदूषण समाप्त होता है।

अध्यात्म मनुष्य को इतना विनम्र बना देता है, मनुष्य बच्चा जैसे सबके सामने झुक जाता है। और अपने जीवन में उस विनम्रता के कारण मनुष्य को अपने ज्ञान का विकास करने बड़ी आसानी होती है ।

जिससे वह व्यक्ति उस ज्ञान का प्रयोग करके अपने जीवन मे और अधिक अध्यात्मिक उचाईयो पर पहुँच पाता है।

3 faq प्रश्न उत्तर। 

1. ध्यान से कैसे जगत में प्रवेश करें?

Ans. मनुष्य का पुनर्जन्म कैसे होता है?क्या हिंदू धर्म में पुनर्जन्म होता है?? मोक्ष कैसे मिलता है?मोक्ष पाने के लिए अपनाये ये 6 महत्वपूर्ण टिप्स। Hindime

2. ध्यान कैसे करें ?

Ans.  ध्यान लगाने से क्या लाभ है?रोज ध्यान करने से क्या होता है?? ध्यान कैसे करे? ध्यान करने के महत्वपूर्ण 7 टिप्स।ध्यान करने के 14 पॉवरफुल लाभ। Hindime

3.अध्यात्म में श्रद्धा का क्या महत्व है?

Ans. श्रद्धा का अर्थ क्या होता है?श्रद्धा का भाव क्या है? 1 विधि जिससे आप श्रद्धा भाव अपने जीवन में जागृत कर सकते है।

मेरी बातों को इतना ध्यान से पढे मै बहुत ही अनुगृहीत हूँ, मै आपके भीतर बैठे परम पिता परमात्मा  को सादर प्रणाम करता हूँ । धन्यवाद ।

Comment करके अपना प्रेम मुझ   तक जरूर भेजे l share करे जिससे सब लोग अपनी जिंदगी बदल सके यार।

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I'm Ritesh kumar. I'm philosopher, I'm international business man,
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